मध्य प्रदेश में डाक टिकट अनावरण से नई उम्मीद tni

मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित पीजी कॉलेज में एक ऐतिहासिक पहल को चिह्नित करते हुए, राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने "सिकल सेल उन्मूलन-2047" को समर्पित एक स्मारक डाक टिकट का अनावरण किया। यह कार्यक्रम, सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए राज्य और देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

सिकल सेल एनीमिया: एक गंभीर चुनौती
सिकल सेल एनीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है, जो खासकर आदिवासी समुदायों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है। यह बीमारी न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालती है। सिकल सेल उन्मूलन मिशन का उद्देश्य 2047 तक इस बीमारी को पूरी तरह समाप्त करना है।

डाक टिकट का महत्व
डाक विभाग द्वारा जारी यह स्मारक डाक टिकट न केवल सिकल सेल उन्मूलन मिशन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, बल्कि यह जागरूकता और समाज के प्रति सरकार के प्रयासों का प्रतीक भी है।
इस कार्यक्रम में मुख्य डाकपाल महा-प्रबंधक श्री विनीत माथुर और श्रीमती प्रीति अग्रवाल की उपस्थिति ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

मिशन के प्रमुख पहलू
आधुनिक तकनीक का उपयोग

सिकल सेल की पहचान और इलाज के लिए एचपीएलसी मशीनों और आनुवांशिक परामर्श जैसी तकनीकों का उपयोग।
नवजात शिशुओं की जांच के लिए एम्स भोपाल में विशेष प्रयोगशाला।
साझेदारी और समर्थन

संकल्प इंडिया के साथ प्रसवपूर्व निदान में सहयोग।
सिकल सेल ट्रैकिंग के लिए एक मजबूत मोबाइल ऐप और राष्ट्रीय पोर्टल।
सामुदायिक प्रयास

प्रारंभिक चरण में अलीराजपुर और झाबुआ जैसे जिलों से मिशन की शुरुआत।
अब इसे भारत के 17 राज्यों में विस्तारित किया गया है।
एक स्वस्थ भविष्य की ओर कदम
इस मिशन के माध्यम से सरकार आदिवासी समुदायों के लिए न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ा रही है, बल्कि एक मजबूत और स्वस्थ भारत की नींव भी रख रही है।

सिकल सेल मुक्त भारत का सपना
डाक टिकट पर उकेरे गए विचार और प्रतिबद्धता भारत को सिकल सेल मुक्त बनाने के दृढ़ संकल्प की याद दिलाते हैं। यह कदम भारत के उन लाखों लोगों के लिए आशा की किरण है, जो इस बीमारी से प्रभावित हैं।

2047 तक सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन का यह मिशन न केवल एक स्वास्थ्य पहल है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का प्रयास भी है।