प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा में प्रस्तावित बदलावों के विरोध में प्रयागराज में छात्रों ने बड़ा प्रदर्शन किया। शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को रखते हुए इन छात्रों ने जुलूस निकाला, परंतु पुलिस द्वारा इस प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया गया। इस घटनाक्रम के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पारा तेजी से चढ़ गया है। छात्र संगठन, सामाजिक समूह और विभिन्न राजनेता इस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा कर रहे हैं और इसे युवा आवाज़ को दबाने का प्रयास बता रहे हैं।
प्रदर्शन का कारण: यूपीएससी परीक्षा में बदलाव
यूपीएससी परीक्षा के नए प्रस्तावों के कारण लाखों छात्रों में असंतोष है। इन बदलावों के तहत पात्रता, परीक्षा संरचना, एवं चयन प्रक्रिया में कई नए नियमों को शामिल करने की बात की जा रही है, जो छात्रों के अनुसार उनके हितों के विपरीत है। कई छात्र संगठन और शैक्षिक विशेषज्ञ मानते हैं कि ये बदलाव प्रतियोगी परीक्षाओं की निष्पक्षता और समान अवसरों को प्रभावित कर सकते हैं।
छात्रों की मांगे और सरकार का रुख
छात्रों का कहना है कि सरकार को इस प्रकार के फैसलों को लागू करने से पहले व्यापक स्तर पर संवाद करना चाहिए था। यूपीएससी जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में अचानक बदलाव से लाखों छात्रों की मेहनत और भविष्य प्रभावित हो सकता है। छात्रों ने मांग की है कि सरकार इस निर्णय को वापस ले और उचित विचार-विमर्श के बाद ही कोई कदम उठाए।
लाठीचार्ज की निंदा और विरोध में उठती आवाजें
प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज से कई छात्र घायल हुए। सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें छात्रों पर पुलिस की कार्यवाही को लेकर आम जनता में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। इस घटना को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी छात्रों के समर्थन में आ गए हैं।
इस विषय पर लखीमपुर खीरी के स्वतंत्र नेता रामजी पांडे ने भी पुलिस के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “यह एक लोकतांत्रिक देश है और यहाँ छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। सरकार द्वारा छात्रों की आवाज़ को दबाना और पुलिस का अत्याचार असहनीय है। यदि हमारी युवा पीढ़ी को ही इस तरह प्रताड़ित किया जाएगा, तो देश का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा?”
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया और सरकार पर दबाव
घटना के बाद से उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, और कांग्रेस ने पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की है। उनका कहना है कि सरकार छात्रों की समस्याओं को समझने के बजाय बल प्रयोग कर रही है, जो निंदनीय है।
कई छात्र संगठनों ने एलान किया है कि जब तक सरकार अपनी नीति में बदलाव नहीं करती, तब तक उनके विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर छात्रों के समर्थन में #UPSC_Parivartan_Nahi_Manzoor ट्रेंड कर रहा है, जिससे छात्र समुदाय का गुस्सा और उनका आक्रोश स्पष्ट झलकता है।
प्रयागराज की इस घटना ने छात्रों के बीच असंतोष को और भी बढ़ा दिया है। छात्र संगठन आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। वहीं, कई सामाजिक संगठनों ने छात्रों का समर्थन करते हुए सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार की मांग की है।
इस मुद्दे पर बढ़ते दबाव को देखते हुए संभव है कि सरकार छात्रों से बातचीत का रास्ता अपना सकती है। इस समय स्थिति बेहद संवेदनशील है, और इस मामले में सरकार का कोई भी कदम प्रदेश की राजनीति और युवाओं के भविष्य को गहराई से प्रभावित कर सकता है।