लखीमपुर खीरी जिले की राजनीति में यदि किसी ऐसे नेता का नाम लिया जाए जो अपने विनम्र स्वभाव, दूरदृष्टि और समाज के प्रति सेवा भाव के लिए जाना जाता है, तो रामजी पांडे का नाम सबसे पहले आता है। अपनी मेहनत, प्रतिबद्धता और आदर्शों के बल पर उन्होंने जिले में एक मजबूत पहचान बनाई है। वैसे तो रामजी पांडे सभी जातियों के प्रिय हैं, लेकिन जिले के ब्राह्मणों में उनका एक विशेष प्रभाव है, जिसके चलते उन्हें एक ब्राह्मण नेता के रूप में भी जाना जाता है।
सर्वसमाज को एक सूत्र में पिरोने की कला
रामजी पांडे का सबसे बड़ा गुण यह है कि उन्होंने राजनीति को जातिवाद की सीमाओं में कभी नहीं बांधा। वे हमेशा हर जाति और समुदाय के साथ समान व्यवहार करते आए हैं। उनका मानना है कि समाज की सेवा का अर्थ ही है हर व्यक्ति के हित का ध्यान रखना, और इसे उन्होंने अपने कार्यों में भी सिद्ध किया है। चाहे किसान हों, व्यापारी, युवा या बुजुर्ग, सभी वर्गों का विश्वास और समर्थन उन्होंने अर्जित किया है।
ब्राह्मण संगठनों में लोकप्रियता
लखीमपुर के ज्यादातर ब्राह्मण संगठन रामजी पांडे का खुला समर्थन करते हैं। उनकी उपस्थिति मात्र ही जिले के ब्राह्मण समाज को एक नई ऊर्जा और दिशा देती है। उनके नेतृत्व में जिले के कई ब्राह्मण संगठनों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की है। यही कारण है कि ब्राह्मण समाज में उनकी गहरी पकड़ और सम्मान बना हुआ है।
राजनीति में सकारात्मक दृष्टिकोण
रामजी पांडे की राजनीति का अंदाज कुछ अलग है। वह राजनीति को केवल सत्ता का माध्यम नहीं मानते, बल्कि समाजसेवा का एक सशक्त तरीका मानते हैं। उनके विचार और आदर्श युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। अपने अनुयायियों को भी वे हमेशा यह सिखाते हैं कि राजनीति में वैचारिकता और समाज की भलाई प्राथमिकता होनी चाहिए।
यही कारण है कि लखीमपुर जिले में रामजी पांडे की पहचान एक ऐसे नेता के रूप में है जो जातिवाद की राजनीति से दूर रहकर सर्वसमाज की भलाई के लिए समर्पित हैं। ब्राह्मण समाज में उनकी गहरी पैठ के साथ ही वे सभी वर्गों का सम्मान अर्जित कर चुके हैं। उनकी नेतृत्व शैली और समाज के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें न केवल जिले में बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।