लखीमपुर खीरी। शहर में आयोजित लखीमपुर महोत्सव में संगीत और कला का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस महोत्सव में तबला वादन की प्रस्तुति ने सभी का दिल जीत लिया, और डॉक्टर रुचि रानी को उनके उत्कृष्ट तबला वादन के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
डॉक्टर रुचि रानी, जो पेशे से एक संगीत शिक्षिका और तबला वादन की विशेषज्ञ हैं, ने अपनी कला से पूरे कार्यक्रम में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों ने शास्त्रीय संगीत के महत्व और गहराई को खूबसूरती से उजागर किया। उन्होंने राग-based तालों की जटिलताओं को इतनी सरलता से प्रस्तुत किया कि श्रोताओं ने खड़े होकर उनकी प्रशंसा की।
महोत्सव में जिलाधिकारी, नगर के गणमान्य व्यक्ति, और बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने डॉक्टर रुचि रानी को सम्मानित करते हुए कहा, "डॉक्टर रुचि ने न केवल हमारे शहर का नाम रोशन किया है, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किया है।"
डॉक्टर रुचि ने इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "तबला वादन मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इस कला के माध्यम से मैं अपनी संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हूं। यह सम्मान मेरे लिए गर्व का क्षण है।"
लखीमपुर महोत्सव, जो हर साल नई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने और कला को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है, इस बार भी बेहद सफल रहा। डॉक्टर रुचि रानी के तबला वादन ने न केवल इस महोत्सव को विशेष बना दिया, बल्कि संगीत प्रेमियों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।
इस अवसर पर अन्य कलाकारों ने भी शास्त्रीय और लोक संगीत की प्रस्तुतियां दीं, लेकिन डॉक्टर रुचि रानी की प्रस्तुति ने इस महोत्सव को यादगार बना दिया। संगीत प्रेमियों के अनुसार, इस तरह के आयोजनों से भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा मिलता है और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा भी।
संपादकीय टिप्पणी:
डॉक्टर रुचि रानी जैसी कलाकारों का सम्मान करना हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लखीमपुर महोत्सव जैसे आयोजन इसी भावना को बल प्रदान करते हैं।