रामजी पांडेय
लखीमपुर खीरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर एक अहम कदम उठाया है। इस दिशा में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होटल एलिटइन में किया गया, जिसमें जिला स्तर के अधिकारी और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर्स ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष गुप्ता ने की। उनके साथ जिला पंचायती राज अधिकारी विशाल सिंह और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अनिल गुप्ता भी मौजूद रहे।
टीबी मुक्त भारत के लिए व्यापक रणनीति
डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग और पंचायती राज विभाग के बीच समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया। ब्लॉक स्तर के कोऑर्डिनेटर्स, एनटीईपी कार्यक्रम के सुपरवाइजर, एवीएन कोऑर्डिनेटर्स, और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मियों को इस अभियान की रूपरेखा समझाई गई।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को यह सिखाया गया कि ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए ग्राम प्रधानों और समुदाय के अन्य सदस्यों को कैसे संवेदनशील बनाया जाए। इन प्रशिक्षित कर्मियों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने-अपने ब्लॉकों में ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर अभियान चलाएं और टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।
ग्राम पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण
डॉ. गुप्ता ने कहा, "ग्राम पंचायतें ग्रामीण समाज का आधार होती हैं। टीबी जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए ग्राम पंचायतों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण के बाद ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, बीपीएम और बीसीपीएम अपने क्षेत्र में सक्रिय होकर लोगों को जागरूक करेंगे।"
अभियान की प्रमुख विशेषताएं
सेंसिटाइजेशन अभियान: टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज को लेकर ग्राम स्तर पर व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।
सक्रिय टीबी खोज: प्रशिक्षित कर्मी समुदाय में जाकर संभावित टीबी मरीजों की पहचान करेंगे और उन्हें समय पर इलाज के लिए प्रेरित करेंगे।
निशुल्क इलाज: सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों के तहत टीबी का पूरा इलाज मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा।
ग्राम प्रधानों की भागीदारी: हर ग्राम प्रधान को अपने गांव को टीबी मुक्त बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
प्रधानमंत्री की पहल को मिल रहा समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में पंचायती राज और स्वास्थ्य विभाग का यह संयुक्त प्रयास इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत लखीमपुर खीरी में चलाए जा रहे इस प्रयास ने स्वास्थ्य विभाग और पंचायती राज विभाग के बीच सामंजस्य का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह पहल न केवल टीबी के उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी।