नई दिल्ली झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान आज शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक चले इस मतदान में जनता का उत्साह देखने लायक था। चुनाव आयोग के मुताबिक, 64.86% मतदान दर्ज किया गया है, जो 2019 के 63.9% से अधिक है। यह बढ़ा हुआ आंकड़ा झारखंड की जनता के लोकतांत्रिक प्रणाली में भरोसे और भागीदारी को दर्शाता है।
जनजातीय क्षेत्रों में भी भारी उत्साह
पहले चरण का मतदान वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों सहित जनजातीय इलाकों में भी पूरी ऊर्जा और सुरक्षा के साथ संपन्न हुआ। इन संवेदनशील क्षेत्रों में भी लोग डर और धमकियों को दरकिनार करते हुए मतदान के लिए कतार में खड़े नजर आए। गढ़वा जिले के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के हेसातु मतदान केन्द्र पर इस बार भारी संख्या में मतदान हुआ। यहां की आबादी, जो पहले उग्रवाद से प्रभावित थी, अब लोकतंत्र के प्रति जागरूक और संकल्पित दिखी।
हर वर्ग ने दिखाया मतदान का जज्बा
पहली बार मतदाता बने युवा, बुजुर्ग, महिलाएं, दिव्यांग और आदिवासी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचे। हर वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक मतदान किया। यह लोकतंत्र की ताकत का प्रतीक है कि दूरदराज के इलाकों में भी लोग अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए उमड़े।
चुनाव आयोग की पुख्ता व्यवस्था
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ मिलकर चुनाव प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखी। झारखंड के 15 जिलों में 15,000 से अधिक मतदान केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा और वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी ताकि मतदान प्रक्रिया पारदर्शी रहे। चुनाव आयोग की सतर्कता और सावधानीपूर्ण योजना के चलते झारखंड चुनाव में कोई पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
कुल मिलाकर लोकतंत्र का जश्न
यह चुनाव न केवल एक शांतिपूर्ण प्रक्रिया का प्रमाण है, बल्कि झारखंड के लोगों का लोकतंत्र के प्रति गहरा जुड़ाव और सहभागिता को भी दर्शाता है।