जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ TNI

रामजी पांडे 
नई दिल्ली। भारत को सोमवार को अपना 51वां मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिला। जस्टिस संजीव खन्ना ने इस उच्च पद की शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से ली। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में किया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे। जस्टिस खन्ना की नियुक्ति न्यायपालिका में एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे न्यायपालिका के संचालन में नई ऊर्जा आने की उम्मीद जताई जा रही है।

ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे जस्टिस संजीव खन्ना
जस्टिस संजीव खन्ना न्यायिक प्रक्रिया के कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे हैं। इनमें चुनावों में ईवीएम के उपयोग का समर्थन, चुनावी बांड योजना को खारिज करने का निर्णय, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को बरकरार रखना, और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अंतरिम जमानत देना जैसे फैसले शामिल हैं। इन फैसलों ने उनकी कानूनी कुशाग्रता और निष्पक्षता को साबित किया है और उन्हें जनता के बीच एक निडर और ईमानदार न्यायाधीश के रूप में स्थापित किया है।

तीस हजारी कोर्ट से सर्वोच्च न्यायालय तक का सफर
दिल्ली के निवासी जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ। उनके पिता, देसराज खन्ना, भी एक न्यायाधीश रहे हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुए थे। जस्टिस खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने तीस हजारी कोर्ट से अपने न्यायिक करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे दिल्ली हाई कोर्ट में वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही कानून जैसे क्षेत्रों में भी अपनी विशेषज्ञता स्थापित की।

सुप्रीम कोर्ट में योगदान और भविष्य की योजनाएं
18 जनवरी 2019 को जस्टिस संजीव खन्ना को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं। मुख्य न्यायाधीश के रूप में, जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा।

मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल न्यायपालिका में पारदर्शिता, निष्पक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा।