गौतम बुद्ध नगर: संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चल रहा धरना अपने आठवें दिन में प्रवेश कर गया है। धरने की अध्यक्षता करतार नागर ने की, जबकि संचालन की जिम्मेदारी सतीश यादव ने संभाली। धरने की मुख्य मांग हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना है, जिसे लेकर किसानों का विरोध लगातार बढ़ रहा है।
इस संबंध में गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बातचीत के बाद आगे की रणनीति का पूरा विवरण साझा किया जाएगा। आज के धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि यह आंदोलन संयुक्त रूप से अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, जय जवान जय किसान मोर्चा, किसान संघर्ष समिति ऐछर और कृषक शक्ति द्वारा शुरू किया गया था। अब किसान एकता संघ ने भी इसमें अपनी भागीदारी शुरू कर दी है।
किसानों की मांगों पर जोर
किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने अपने संबोधन में कहा कि एनटीपीसी के किसानों की रोजगार और समान मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन प्रतिदिन मजबूत हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार एनटीपीसी के किसानों के संबंध में बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। बृजेश भाटी ने कहा कि आंदोलन अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है।
आंदोलन की प्रमुख मांगें
किसान अब 10% प्लॉट की व्यवस्था, नए कानून के लागू होने, भूमिहीन परिवारों के एक सदस्य को वेंडिंग जोन में बनने वाली दुकानों में 33% आरक्षण और आबादियों के निस्तारण जैसी मांगों को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। आंदोलन के तीसरे और अंतिम चरण में हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की प्रमुख मांग के साथ यह धरना डीएम गौतम बुद्ध नगर कार्यालय पर जारी है।
विस्तारित समर्थन और बड़े नामों की मौजूदगी
धरने में प्रमुख रूप से मोनू मुखिया, प्रवीण चौहान, नीरज चौहान, नरेश नागर, निशांत रावल, सुधीर रावल, शांति देवी, गीता देवी, वीरेंद्र राघव, अजीत पाल भाटी और अन्य प्रमुख किसान नेता मौजूद रहे। इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में किसान, महिलाएं और पुरुष भी धरना स्थल पर उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी। महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि जब तक किसानों की प्रमुख मांगें पूरी नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा।
महिलाओं की भागीदारी
धरने में बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति ने इस आंदोलन को और मजबूती दी है। महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रही हैं, जिससे आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है।
यह धरना किसानों की एकजुटता और उनकी अधिकारों के प्रति संजीदगी को दर्शाता है। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद आंदोलन की दिशा और रणनीति में बदलाव की संभावना बनी रहेगी।
श्रमिक विकास संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रामजी पांडे ने किया किसानों का समर्थन
किसान मोर्चा के धरने को आज श्रमिक विकास संगठन (SVS) के प्रदेश उपाध्यक्ष रामजी पांडे का समर्थन मिला। उन्होंने धरनास्थल पर पहुंचकर किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि श्रमिक और किसान देश की रीढ़ हैं, और उनकी समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
रामजी पांडे ने कहा, "किसानों की रोजगार, मुआवजा और अन्य मांगें पूरी तरह से जायज हैं, और श्रमिक विकास संगठन इस संघर्ष में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।" उनके इस समर्थन ने आंदोलन को और मजबूती प्रदान की, और किसानों ने इस कदम का स्वागत किया।
सैकड़ों किसानों और महिलाओं की उपस्थिति में रामजी पांडे का यह समर्थन किसानों की मांगों को लेकर चल रहे संघर्ष को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।