लखीमपुर, 13 अक्टूबर 2024: स्वतंत्र प्रत्याशी रामजी पांडे, जो लखीमपुर सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, ने हाल ही में एक जनसभा में अपने विचार रखते हुए कहा कि "नेता किसी एक जाति-धर्म का नहीं, बल्कि पूरे समाज का होता है।" यह बयान देते हुए उन्होंने जातिगत राजनीति पर कड़ा प्रहार किया और समावेशी राजनीति का समर्थन किया।
रामजी पांडे ने स्पष्ट किया कि वर्तमान राजनीति में जातिगत ध्रुवीकरण समाज के विकास में बाधक बन रहा है। उन्होंने कहा, "मैं अभी जातियों का हूं, लेकिन मेरा लक्ष्य सर्व समाज को साथ लेकर चलना है। जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव करने वाली राजनीति से समाज को नुकसान होता है। एक सच्चे नेता का कर्तव्य है कि वह सभी को साथ लेकर चले।"
रामजी पांडे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब जिले में जातिगत माहौल गरमा रहा है और सदर विधायक के थप्पड़ कांड के बाद राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति में उलझे हुए दिखाई देते हैं। उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि वह न केवल एक स्वतंत्र और निष्पक्ष उम्मीदवार के रूप में सामने आ रहे हैं, बल्कि जाति और धर्म की सीमाओं से ऊपर उठकर समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि, "यदि मैं जनता का समर्थन पाकर विधानसभा पहुंचता हूं, तो मेरा पहला काम सभी के लिए समान रूप से काम करना होगा। हर व्यक्ति को उसकी जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति से ऊपर उठकर देखा जाएगा और हर किसी को विकास का लाभ मिलेगा।"
रामजी पांडे ने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वह जाति, धर्म और अन्य विभाजनकारी मुद्दों से हटकर एक ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करें, जो समग्र समाज के हित के लिए काम करने का वादा करता हो।
उनके इस विचार को लेकर स्थानीय जनता में चर्चा हो रही है। रामजी पांडे का यह बयान जातिगत राजनीति से परेशान लोगों को एक नई उम्मीद दे सकता है और चुनावी समीकरणों को बदल सकता है।
लखीमपुर सदर में रामजी पांडे की यह सोच उन्हें अन्य नेताओं से अलग करती है। जनता अब यह देखना चाहेगी कि क्या वह अपने विचारों के साथ जमीन पर उतने ही प्रभावशाली साबित होंगे, जितना कि वह अपने भाषणों में दिखाते हैं।