लखीमपुर खीरी— लखीमपुर खीरी में सदर विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मारे जाने की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया है। घटना के विरोध में सोमवार को हजारों की संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सर्व समाज के थे, जिनमें विभिन्न जातियों और समुदायों के लोग शामिल थे। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने एडीएम के स्थानांतरण की मांग के साथ ही पुष्पा सिंह और अवधेश सिंह की गिरफ्तारी की मांग भी की। इसके अलावा, उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिनकी लापरवाही से यह घटना घटित हुई।
जातिवाद का मुद्दा हावी
प्रदर्शन में जातिगत तनाव और भेदभाव का मुद्दा प्रमुख रूप से उठा। कई वक्ताओं ने इस घटना को जातिवादी मानसिकता से जोड़कर देखा और प्रशासन पर जातिगत पक्षपात का आरोप लगाया। लोगों ने एक स्वर में इस बात पर जोर दिया कि ऐसी घटनाएँ सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ती हैं और प्रशासन को निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए।इस विषय पर युवा नेता रामजी पांडे ने गहरा दुख व्यक्त किया।
राजनीतिक हलचल और मांगें
विधायक योगेश वर्मा के समर्थन में आए प्रदर्शनकारियों ने घटना को लोकतंत्र पर हमला बताया और इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।
विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा रहा, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया और मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
निष्कर्ष
लखीमपुर खीरी में यह घटना प्रशासन और जनता के बीच तनाव को और बढ़ा रही है। विधायक पर हमला न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्हें चोट पहुंचाने वाला है, बल्कि यह लोकतंत्र और सामाजिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन किस प्रकार से इन मांगों का निपटारा करता है और क्या इस मामले में दोषियों को सजा मिलती है या नहीं।