नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की चीनी मिलों को आर्थिक रूप से वायबल बनाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने मल्टीडायमेंशनल बायोफ्यूल प्रोडक्शन प्लांट लगाने के लिए हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। श्री शाह ने यह भी घोषणा की कि नेफेड (NAFED) सभी किसानों से 100 प्रतिशत मक्का और दलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
श्री शाह ने बताया कि मक्का और बांस से बनने वाले इथेनॉल के लिए सरकार ने 71.86 रूपए प्रति लीटर की उच्चतम दर तय की है, जिससे किसानों और उद्योगों दोनों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि कोऑपरेटिव चीनी मिलों ने 2022-23 में इथेनॉल आपूर्ति में लगभग 8 प्रतिशत योगदान दिया है, और सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक ले जाना है।
उन्होंने नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन सरकार, चीनी मिलों, टेक्नोलॉजी इनोवेशन और बाजार के बीच एक पुल का काम कर रहा है। श्री शाह ने जोर देकर कहा कि देशभर में गन्ना बुवाई के क्षेत्रों की मैपिंग कर कोऑपरेटिव चीनी मिलों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई जानी चाहिए, ताकि चीनी उत्पादन से होने वाला मुनाफा सीधे किसान के बैंक खाते में पहुंच सके।
सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद चीनी मिलों के लिए किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए, श्री शाह ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से लंबित 15000 करोड़ रूपए की कर देनदारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकबार में समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा, मोदी सरकार ने शीरे पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है, जिससे चीनी मिलों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) की ऋण योजना में 1000 करोड़ रूपए के अनुदान को मंजूरी दी गई है, जिससे अगले 3 साल में 10000 करोड़ रूपए तक का ऋण प्रदान किया जा सकेगा।
अपने संबोधन में, श्री शाह ने NFCSF को अगले 2 साल में सभी सरकारी चीनी मिलों को इथेनॉल उत्पादन में सक्षम बनाने का लक्ष्य रखने पर जोर दिया। उन्होंने फेडरेशन को डायनेमिक बनाने और गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
केंद्र सरकार के इन कदमों से देश की चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है, जिससे किसानों को सीधा लाभ होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।