विभाजन विभीषिका दिवस| देश के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर विचार


लखीमपुर खीरी, 14 अगस्त - जिला पुरुष चिकित्सालय एमसीएच विंग ओयल में बुधवार को विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमएस डॉ. आर.के. कोली ने की, जिसमें विभाजन के दौरान हुई घटनाओं और उनके प्रभाव पर चर्चा की गई।

डॉ. आर.के. कोली ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का विभाजन वास्तव में किसी विभीषिका से कम नहीं था। भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले जिस प्रकार से पाकिस्तान का गठन हुआ, वह देश के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। उन्होंने कहा, "विभाजन के दौरान हुई जनहानि और राष्ट्रीय क्षति को भुलाना असंभव है। इन घटनाओं को याद रखते हुए हमें भविष्य में एकजुट होकर देश की अखंडता को और भी अधिक सुदृढ़ करना होगा।"

इस मौके पर डॉ. दीपेंद्र गौतम ने विभाजन के लिए जिम्मेदार राजनीतिक गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों की कूटनीतिक चाल और देश में उस समय की राजनीतिक अस्थिरता के कारण भारत का एक हिस्सा हमसे अलग हो गया। डॉ. गौतम ने पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना की गतिविधियों को भी विस्तार से समझाया, और बताया कि कैसे तृतीय विश्व युद्ध के दौरान जिन्ना ने अंग्रेजों से हाथ मिलाकर अपने उद्देश्य को प्राप्त किया।

कार्यक्रम के दौरान अन्य वक्ताओं ने भी विभाजन के दौरान हुई त्रासदियों पर चर्चा की। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.पी. वर्मा, चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. एस.पी. मिश्रा, डॉ. हर्ष देव भारती, डॉ. शिखर बाजपेई, डॉ. अरविंद दीक्षित, डॉ. रवि, महंत सिंह, रजनी मसीह, देवनंदन श्रीवास्तव, मनोज मौर्य, पंकज शुक्ला, रामजी माथुर, और अंजू कनौजिया सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

विभाजन विभीषिका दिवस का यह आयोजन सभी को देश की एकता और अखंडता के महत्व को समझाने के लिए किया गया था, ताकि हम अपनी गलतियों से सीख लेकर एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र का निर्माण कर सकें।