चंडीगढ़: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नए कानूनों की घोषणा की है, जिनसे भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पूरी तरह बदल जाएगा। इन कानूनों के तहत तकनीक का व्यापक उपयोग किया जाएगा ताकि न्याय प्रक्रिया तेजी से हो और लोगों को जल्दी न्याय मिले।
न्याय श्रुति: नई पहल
अब गवाहों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी। इससे समय और पैसे की बचत होगी और मामले जल्दी सुलझाए जा सकेंगे। श्री शाह ने बताया कि सरकार ने इन कानूनों को लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग और फॉरेंसिक साइंस लैब्स का इंटीग्रेशन।
चंडीगढ़ में तकनीकी सुधार
चंडीगढ़ में 22 IT स्पेशलिस्ट और 125 डेटा एनालिस्ट रखे गए हैं। सभी थानों में 107 नए कंप्यूटर, स्पीकर, दो वेब कैमरा, 170 टेबलेट, 25 मोबाइल फोन और 144 नए IT कांस्टेबल भर्ती किए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि इन कानूनों को पूरी तरह लागू करने में चंडीगढ़ देश का पहला क्षेत्र होगा।
नशा मुक्ति अभियान
गृह मंत्री ने नशे की लत के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को भी महत्व दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि नई पीढ़ी को नशे से मुक्त करने का प्रयास है। नशे में फंसे लोगों और उनके परिवारों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे इस समस्या से बाहर निकल सकें।
नागरिकों की जिम्मेदारी
श्री शाह ने कहा कि इन कानूनों के बारे में जागरूकता फैलाना सरकार और न्यायपालिका के साथ-साथ नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे अफवाहों से बचें और सही जानकारी के लिए गृह मंत्रालय या चंडीगढ़ प्रशासन से संपर्क करें।
इन नए सुधारों और तकनीकों के साथ, भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम और भी मजबूत और प्रभावी बनेगा, जिससे लोगों को जल्दी और सटीक न्याय मिल सकेगा।