लखीमपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के संभावित स्वतंत्र उम्मीदवार रामजी पांडे ने अपने समर्थकों और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया है। पांडे ने जोर देकर कहा, लखीमपुर को प्यार पसंद है, नफरत नहीं। किसी भी जाति को गाली देकर अगर वोट मिलते हैं, तो मुझे नहीं चाहिए। मैं हारना पसंद करूंगा लेकिन वोट के लिए किसी को गाली नहीं दूंगा।"
रामजी पांडे का यह संदेश उनकी साफ-सुथरी राजनीति और सिद्धांतों की गवाही देता है। जब चुनावी मौसम में उम्मीदवार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए देखे जाते हैं, पांडे जी ने एक अलग रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है। उनके अनुसार, राजनीति का मकसद समाज में एकता और भाईचारा बढ़ाना होना चाहिए, न कि विभाजन और नफरत फैलाना।
पांडे जी का कहना है कि लखीमपुर की जनता को सच्चाई और सेवा चाहिए, न कि किसी जाति या धर्म के आधार पर वोट मांगने वाली राजनीति। वे कहते हैं, "मैं लखीमपुर की सेवा करना चाहता हूं, न कि यहां के लोगों के बीच नफरत फैलाना। मुझे विश्वास है कि जनता मेरे इस संदेश को समझेगी और समर्थन देगी।"
इस विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए रामजी पांडे ने अपनी चुनावी रणनीति में भी साफ-सुथरी और सकारात्मक राजनीति पर जोर दिया है। वे सोशल मीडिया पर भी लगातार अपने इस संदेश को फैलाने का काम कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके विचारों से जुड़ सकें।
लखीमपुर सदर के मतदाताओं ने रामजी पांडे के इस साहसिक कदम का स्वागत किया है। कई लोग मानते हैं कि यह राजनीति में एक नई लहर ला सकता है, जहां मुद्दों पर बात की जाएगी और व्यक्तिगत हमलों से बचा जाएगा।
इस प्रकार, रामजी पांडे का यह संदेश न केवल लखीमपुर सदर बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक प्रेरणा दायक बन सकता है।क्योंकि आज देश को ऐसे नेता की जरूरत है जो जनता की भलाई के लिए काम करें और समाज में प्रेम और सौहार्द्र की भावना को बढ़ावा दें।