अन्याय के खिलाफ श्रमिकों का संघर्ष| ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये की वसूली की मांग


Ramji pandey 
नोएडा: 20 वर्ष से अधिक लंबी कानूनी लड़ाई और न्यायालय से जीत के बावजूद, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व कर्मचारी आज भी न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद उनका भुगतान और बहाली नहीं की जा रही है, जिसके खिलाफ सीटू के बैनर तले श्रमिकों ने नोएडा के श्रम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अपर श्रम आयुक्त श्री सरजू राम को संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसे श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री अशोक सिंह ने प्राप्त किया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा और महासचिव रामसागर ने कहा कि 1998 में ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन का गठन किया गया था, ताकि कर्मचारी अपने हक के लिए आवाज उठा सकें। लेकिन 2003 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 240 कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया। इसके खिलाफ कर्मचारियों ने लंबी लड़ाई लड़ी और अंततः 27 मई 2018 को माननीय औद्योगिक न्यायाधिकरण (पंचम) उत्तर प्रदेश, मेरठ ने श्रमिकों के पक्ष में फैसला सुनाया। इसमें प्राधिकरण को कर्मचारियों को बेकारी की अवधि का पूरा वेतन सहित कार्य पर बहाल करने का आदेश दिया गया।

हालांकि, प्राधिकरण ने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिससे मजबूर होकर यूनियन ने उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि श्रम विभाग अवार्ड का प्रतिपालन करवाए। श्रम विभाग ने 4 जनवरी 2024 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये की रिकवरी आदेश जारी किया, लेकिन अभी तक यह राशि वसूल नहीं की गई है।

अपर श्रम आयुक्त और जिलाधिकारी से कई बार अपील करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे मजबूर होकर आज श्रम विभाग के कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया और ज्ञापन दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि लंबित रिकवरी की धनराशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से वसूलकर कर्मचारियों को भुगतान कराई जाए और उन्हें कार्य पर बहाल किया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यूनियन बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

प्रदर्शन में सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा, महासचिव रामसागर, सीटू नेता राम स्वारथ, ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन के महामंत्री रामकिशन सिंह और अन्य पदाधिकारी जैसे ज्ञानचंद, धीरज, बादल, उमेश, धनपाल, वीरेंद्र, संतराम, होतेराम, सब्बे आदि शामिल थे।