लखीमपुर खीरी, 24 जुलाई 2024: लखीमपुर खीरी के स्वतंत्र नेता रामजी पांडे ने सरकार द्वारा दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा, बल्कि इसका नकारात्मक प्रभाव दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों पर पड़ेगा, जिससे उनके रोजगार पर संकट आ जाएगा।
रामजी पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश से दुकानदारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। यह आदेश बिना सोचे-समझे लिया गया है, जिससे उन छोटे दुकानदारों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, जो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि यह आदेश विशेष रूप से दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों के दुकानदारों के लिए नुकसानदेह है। "इस आदेश से ऐसे वर्गों के लोगों का रोजगार समाप्त हो सकता है, जो पहले से ही समाज में पिछड़े हुए हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे आदेश पारित करने से पहले जनता की समस्याओं और उनकी स्थिति का गहन अध्ययन करे," पांडे ने जोर देकर कहा।
रामजी पांडे ने मांग की कि सरकार इस आदेश को तुरंत वापस ले और दुकानदारों के हित में काम करे। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को ऐसे उपाय अपनाने चाहिए जो जनता के हित में हों और उनके रोजगार को सुरक्षित रखें।
"हमें मिलकर ऐसी नीतियों का विरोध करना चाहिए जो हमारे समाज के कमजोर वर्गों को और भी अधिक कठिनाइयों में डाल दें। सरकार को जनता की समस्याओं को समझना चाहिए और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए," रामजी पांडे ने अंत में कहा।
इस विषय पर जनता के बीच भी मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोग रामजी पांडे के इस बयान का समर्थन कर रहे हैं और सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इस आदेश के पक्ष में भी खड़े हैं, जो इसे अनुशासन और पहचान का एक आवश्यक हिस्सा मानते हैं।