लखीमपुर खीरी की राजनीति में इन दिनों एक नया नाम तेजी से उभर रहा है—रामजी पांडे जनता के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण के लिए जाने जाने वाले रामजी पांडे ने बहुत कम समय में अपनी राजनीतिक प्रतिभा से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। उनकी यही प्रतिभा और लोकप्रियता अब छोटी-छोटी राजनीतिक पार्टियों की नजरों में भी आने लगी है।
मिली जानकारी के अनुसार रामजी पांडे के ऊपर कई राजनीतिक पार्टियों ने डोरे डालने भी शुरू कर दिए हैं। इनमें जनता दल सेक्युलर, किसान समाज पार्टी, राष्ट्रीय नौजवान दल, और भारतीय नौजवान इंकलाब पार्टी जैसी क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों ने उन्हें अपने दल से जुड़ने का प्रस्ताव दिया। ये पार्टियां समझ चुकी हैं कि रामजी पांडे की बढ़ती लोकप्रियता उनके दल के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
हालांकि, रामजी पांडे ने इन सभी प्रस्तावों को अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है, लेकिन लोगों के बीच चर्चा है कि रामजी पांडे इन पार्टियों को ज्वाइन करने के लिए इंटरेस्टेड नहीं है उसके पीछे उनका स्पष्ट दृष्टिकोण और उद्देश्य है कि वह स्वतंत्र रूप से अपनी सेवाएं जनता को देना चाहते हैं। रामजी पांडे का मानना है कि एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में वे बिना किसी बंधन के अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और सत्ता में मौजूद राजनीतिक दल पर अपना दबाव बनाकर जनता की आवाज़ बन सकते हैं।
बताते चले की अभी कुछ समय पहले ही रामजी पांडे ने फेसबुक व्हाट्सएप पर लखीमपुर की जनता के बीच चुनाव लड़ने को लेकर एक राजनीतिक जनमत संग्रह करवाया था जिसमें लोगों ने उन्हें 2027 में लखीमपुर सदर से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए कहा था जिसके बाद रामजी पांडे ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
रामजी पांडे का यह निर्णय जनता के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। उनका कहना है, कि मैं राजनीति में नेता बनने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा करने के लिए आया हूं मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं है जो पार्टियों की राजनीति करता फिरूं मेरा चुनाव जनता खुद लड़ रही है और वही मेरी जीत तय करेगी,मैं तो बस माध्यम मात्र हूं।
लखीमपुर की राजनीति में रामजी पांडे का यह सफर अभी तो शुरू हुआ है, और आने वाले दिनों में वे किस ऊँचाई तक पहुँचते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात तय है कि उनकी निष्ठा और जनता के प्रति समर्पण उन्हें एक सफल और लोकप्रिय नेता बनाए रखेगा।