लखीमपुर, 23 जुलाई 2024 – कर्बला की जंग, जो 680 ईस्वी में हुई थी, यह इस्लामिक इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। यह संघर्ष हजरत इमाम हुसैन और यजीद की सेनाओं के बीच लड़ा गया था, और इसे धर्म, सत्य, और न्याय की लड़ाई के रूप में याद किया जाता है। हालांकि, इस महत्वपूर्ण घटना का एक पहलू अक्सर अनदेखा रह जाता है जिसमें कर्बला की जंग में ब्राह्मणों की महत्वपूर भूमिका थी।
इस विषय पर स्वतंत्र नेता रामजी पांडे ने कहा ब्राह्मणों ने इस जंग में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इतिहासकारों के अनुसार, कर्बला की जंग के दौरान ब्राह्मणों ने इमाम हुसैन और उनके परिवार का समर्थन किया। उन्होंने न केवल हुसैन की सैन्य टुकड़ी को पानी पहुँचाने में मदद की, बल्कि कई अन्य तरीकों से भी उनके साथ खड़े रहे। इस योगदान को आज भी धार्मिक और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जाता है।
उन्होंने कहा ब्राह्मणों की इस भूमिका ने यह साबित कर दिया कि ब्राह्मण सदियों से इंसानियतव पसंद व मददगार स्वभाव का रहा है उन्होंने कहा न्याय ओर एकजुटता की कोई धार्मिक या सांस्कृतिक सीमा नहीं होती। उनका यह योगदान हमारे समाज की एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि विभिन्न समुदायों और धर्मों के बीच एकजुटता और सहयोग कितनी महत्वपूर्ण होती है।
इस गौरवशाली इतिहास को जानकर हम सभी को गर्व महसूस होता है। यह समय है कि हम इस अद्भुत विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं और एकता और भाईचारे की भावना को बनाए रखें।