लखीमपुर 03जुलाई 2024 पैसे के दम पर "खुद को राजा न समझे राजनेता लोकतंत्र में जनता EVM का बटन दबाकर जनता अपना राजा स्वयं चुनती है," ये शब्द हैं रामजी पांडे के, जिन्होंने लखीमपुर विधानसभा चुनावों में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। रामजी पांडे, अपनी स्पष्ट और सीधी बातों के लिए जाने जाते हैं।
रामजी पांडे का यह वक्तव्य जनता की शक्ति और अधिकारों को दर्शाता है। वे मानते हैं कि लोकतंत्र में किसी भी नेता को राजा की तरह नहीं, बल्कि सेवक की तरह काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, "जनता ही असली शक्ति है और वही तय करती है कि कौन उनके हितों की रक्षा करेगा और कौन नहीं।"
जनता की आवाज़
रामजी पांडे का यह बयान उस समय आया है जब 2027 का चुनाव नज़दीक हैं और राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। उन्होंने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोच्च है और नेताओं को जनता की सेवा के लिए चुना जाता है, न कि उनके ऊपर शासन करने के लिए।
"ईवीएम का बटन दबाते ही जनता अपनी ताकत का प्रदर्शन करती है। हम सबको यह समझना होगा कि चुनाव जनता की सेवा करने का एक माध्यम है, न कि उनके ऊपर शासन करने का रास्ता है।
जनता के बीच लोकप्रियता
रामजी पांडे के इस वक्तव्य ने जनता के बीच खासा प्रभाव डाला है। उनकी बातों ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि वे किसे अपना नेता चुन रहे हैं और क्यों। लखीमपुर जिले के लोगों ने उनकी बातों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे ही एक नेता की आवश्यकता है जो वास्तव में जनता के हित में काम करे।
रामजी पांडे का यह बयान आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। उनके स्पष्ट और सटीक शब्दों ने लोगों के दिलों में एक नई उम्मीद जगाई है। 2027 के चुनाव में अभी 3 साल हैं लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है। लेकिन एक बात तो तय है, रामजी पांडे ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि लोकतंत्र में राजा नहीं, सेवक चुना जाता है।