नई दिल्ली स्थित भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) परिसर में आज केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक प्रशासन में 50वें उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में सेना, नौसेना, वायुसेना और सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत हुई।
उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्रायोजित एक 10 महीने का लंबा पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम के सफल समापन पर प्रतिभागियों को पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा लोक प्रशासन और सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वर्णिम उन्नत व्यावसायिक लोक प्रशासन कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि सरकार में सेवारत अधिकारियों को दिए जाने वाले उन्नत पाठ्यक्रम उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण हैं।
डॉ. सिंह ने सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 'मिशन कर्मयोगी' के तहत कर्मियों को बदलने, उनकी दक्षता बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम तैयार किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को सीखने की प्रक्रिया को सतत बनाए रखने और अपने साथियों को भी सीखने के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।
इस मौके पर उन्होंने लोक प्रशासन में उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) की विशेषताओं और महत्व पर भी चर्चा की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान प्रदान करना है, ताकि अधिकारी नागरिक केंद्रित शासन दृष्टिकोण अपना सकें। डॉ. सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी ढांचे को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि वर्ष 2047 की चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक योग्यताएं प्रदान की जा सकें।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शासन में नियम-आधारित से भूमिका-आधारित दृष्टिकोण में परिवर्तन पर बल दिया गया है। उन्होंने प्रतिभागियों को संचार और पारस्परिक कौशल विकसित करने के लिए मार्गदर्शन भी दिया। उग्रवाद और आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में जिला मजिस्ट्रेट और सेना अधिकारी के संयुक्त सहयोग के अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने शासन में सुधार के लिए सरकार की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने अधिकारियों को बदलती प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बिठाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग का उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मानवीय स्पर्श की हमेशा आवश्यकता होती है और शिकायत निवारण के बाद निपटाए गए मामलों की प्रतिक्रिया लेने के लिए ह्यूमन डेस्क की स्थापना पर जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने शासन में भारत की विशेषज्ञता को साझा करते हुए स्वामित्व कार्यक्रम को अन्य देशों के लिए आदर्श बताया। उन्होंने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को भविष्य के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम बताया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों से फीडबैक और सुझाव लेकर उन्हें भविष्य में लागू करने का आश्वासन भी दिया।
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के महानिदेशक श्री एस.एन. त्रिपाठी ने केंद्रीय मंत्री महोदय के निरंतर मार्गदर्शन और सक्रिय नेतृत्व के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा समर्थित कई सकारात्मक उपायों का भी उल्लेख किया।
इस कार्यक्रम में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की संयुक्त सचिव (प्रशिक्षण) डॉ. नीला मोहनन, आईआईपीए के रजिस्ट्रार श्री अमिताभ रंजन, प्रोफेसर नीतू जैन और डॉ. साकेत बिहारी भी उपस्थित थे। भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और सिविल सेवाओं के करीब 30 वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।