जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए भारतीय सेना के वीर कमांडो प्रदीप नैन: एक अमर बलिदान


जम्मू-कश्मीर, 8 जुलाई 2024 - भारतीय सेना के 27 वर्षीय वीर कमांडो प्रदीप नैन ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की। जींद के जाजनवाला गाँव के रहने वाले प्रदीप नैन माता-पिता के इकलौते बेटे थे और अपनी गर्भवती पत्नी के साथ एक सुनहरे भविष्य की कल्पना कर रहे थे। प्रदीप का बलिदान भारतीय सेना और देशवासियों के लिए गर्व का विषय है, और उनका यह अमर बलिदान सदैव याद रखा जाएगा।

जीवन का संक्षिप्त परिचय
प्रदीप नैन का जन्म हरियाणा के जींद जिले के जाजनवाला गाँव में हुआ था। बचपन से ही देशभक्ति और सेवा की भावना उनके मन में रची-बसी थी। उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होकर अपने इस सपने को साकार किया। अपनी कठिन प्रशिक्षण और अद्वितीय साहस के बल पर उन्होंने सेना में कमांडो की प्रतिष्ठित भूमिका हासिल की।

आतंकियों से मुठभेड़
8 जुलाई की रात जम्मू-कश्मीर के एक संवेदनशील क्षेत्र में आतंकियों की उपस्थिति की जानकारी मिली थी। भारतीय सेना ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए इलाके को घेर लिया। इस दौरान प्रदीप नैन और उनकी टीम ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आतंकियों से मुठभेड़ की। प्रदीप ने निडरता से लड़ते हुए कई आतंकियों को ढेर कर दिया, लेकिन देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

परिवार का दुःख और गर्व
प्रदीप की शहादत की खबर उनके परिवार के लिए बेहद दुखदायी थी। माता-पिता का इकलौता बेटा और एक गर्भवती पत्नी के पति के रूप में उनका जाना अपूरणीय क्षति है। लेकिन साथ ही, पूरे देश को प्रदीप के इस बलिदान पर गर्व है। उनकी पत्नी ने कहा, "प्रदीप ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। मैं गर्व महसूस करती हूँ कि मैं एक शहीद की पत्नी हूँ।"

विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित 
पूरे देश ने प्रदीप नैन के इस महान बलिदान को सलाम किया है। स्थानीय समुदाय और सेना के अधिकारियों ने उनके परिवार को समर्थन और सांत्वना दी है।  युवा नेता रामजी पांडे ने इस पुण्य आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "भारत माँ का यह सपूत हमेशा हमारी यादों में जिंदा रहेगा। जय हिंद।"