लखीमपुर: जिले में बेरोजगारी का मुद्दा एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह कहना है, लखीमपुर सदर के संभावित निर्दलीय प्रत्याशी रामजी पांडे का उन्होंने इस विषय पर अपनी गहरी चिंता जताई है और कहा है कि लखीमपुर में बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है।
अगर जल्द ही इसका कुछ उचित समाधान नहीं निकला गया तो यह विकराल रूप धर लेगी।
पांडे ने कहा कि जिले में बेरोजगारी के बढ़ते स्तर के कारण युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों में कमी और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण रोजगार के अवसर नहीं पैदा हो पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिले के युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। कई युवा अपनी आजीविका के लिए बड़े शहरों का रुख कर रहे हैं, जिससे जिले का सामाजिक और आर्थिक विकास ठप हो रहा है।
रामजी पांडे ने इस समस्या के समाधान के लिए सरकार से तुरंत कदम उठाने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना और स्वरोजगार के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं लागू करनी चाहिए।
इस मौके पर पांडे जी ने स्थानीय युवाओं को भी जागरूक और संगठित होने का आह्वान किया ताकि वे मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकें। उन्होंने कहा कि जब तक युवा एकजुट होकर अपनी आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक उनके अधिकारों और हितों की रक्षा संभव नहीं हो पाएगी।
लखीमपुर में बेरोजगारी की समस्या को लेकर पांडे की यह टिप्पणी साकार को आईना दिखाने का काम कर रही है। अब देखना यह होगा कि इस दिशा में कौन से ठोस कदम उठाए जाते हैं ताकि जिले के युवा अपने घर में ही रोजगार पा सकें और जिले का सर्वांगीण विकास हो सके।