धौरहरा खीरी में उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित संचारी रोग नियंत्रण अभियान की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस अभियान के तहत बरसात के मौसम में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है, लेकिन नगर पंचायत धौरहरा और तहसील क्षेत्र में इसके क्रियान्वयन में कई खामियां सामने आई हैं।
अभियान की शुरुआत और जनता को जागरूक करने के प्रयास
जिलाधिकारी खीरी के निर्देश पर इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है। लोगों को जागरूक करने के लिए पंफलेट भी क्षेत्र में चस्पा किए जा रहे हैं, जिनमें साफ-सफाई, मच्छरों से बचाव, साफ पानी पीने, और जल जमाव न होने देने की सलाह दी गई है। साथ ही, कुपोषित बच्चों और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए हैं।
वास्तविकता: गंदगी और कीचड़ की भरमार
लेकिन हकीकत यह है कि तहसील क्षेत्र के गांवों में तैनात सफाई कर्मचारियों की गैरमौजूदगी से रास्तों से लेकर नालियां तक गंदगी से भरी पड़ी हैं। नगर पंचायत धौरहरा में करीब एक सैकड़ा ठेका और संविदा कर्मियों के होते हुए भी बरसात के पानी ने नगर की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है।
हथकुण्डा तालाब: संभावित रोगों का केंद्र
कस्बे के हथकुण्डा तालाब में नगर प्रशासन द्वारा कूड़ा डालने से यह तालाब अब पानी भरने पर गंभीर रोगों के फैलने का संभावित केंद्र बन गया है। गंदगी से भरी नालियां और कीचड़ से भरी सड़कों ने कस्बे की स्थिति को और भी खराब कर दिया है।
अमृत पुरम मोहल्ले की स्थिति
संचारी रोगों की रोकथाम के लिए मोहल्ला अमृत पुरम में मन्नी लाल त्रिवेदी के मकान से पैकरमा यादव के मकान तक की सड़क का दृश्य ही काफी है। बारिश से नगर के कई मोहल्ले प्रभावित हुए हैं, जिससे संचारी रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बावजूद इस तरह की स्थिति ने साफ-सफाई और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की मौनता और कर्मचारियों की अनुपस्थिति ने नगर की स्थिति को और भी विकट बना दिया है।