लखीमपुर, 8 जुलाई 2024: लखीमपुर की जनता महंगाई की चपेट में आ चुकी है। हर घर में रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे आम आदमी की जिंदगी दूभर हो गई है। लखीमपुर के वरिष्ठ समाजसेवी और जननेता रामजी पांडे ने इस संकट पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
महंगाई का कहर
लखीमपुर के बाजारों में खाने-पीने की चीजों से लेकर दैनिक उपभोग की वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। आटा, दाल, चावल, सब्जियां और फलों के दाम पहले के मुकाबले दो से तीन गुना बढ़ चुके हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है, जिससे परिवहन खर्च में बढ़ोतरी हो गई है। इससे न केवल आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ा है, बल्कि व्यापारियों और दुकानदारों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
मंहगाई पर सरकार की निष्क्रियता:
रामजी पांडे का कहना है कि महंगाई की इस गंभीर समस्या पर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "जनता महंगाई से त्रस्त है, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दे और तुरंत राहतकारी कदम उठाए।"
आम जनता की प्रतिक्रियाएं:
लखीमपुर की आम जनता भी सरकार की निष्क्रियता से नाराज है। बाजार में सब्जी खरीद रही आमिना बेगम ने कहा, "अब तो सब्जी भी खरीदना मुश्किल हो गया है। हर दिन दाम बढ़ रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही।"
संजय पांडे नामक, एक स्थानीय दुकानदार, ने बताया, "महंगाई के कारण हमारी बिक्री पर भी असर पड़ रहा है। लोग सामान कम खरीद रहे हैं और हमें भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।"
समाजसेवी संगठनों की मांग:
लखीमपुर के कई समाजसेवी संगठन भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। उन्होंने इस मुद्दे पर जन आंदोलन की चेतावनी भी दी है और कहा है कि अगर सरकार जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
लखीमपुर की जनता महंगाई से जूझ रही है और सरकार की निष्क्रियता से नाराज है। रामजी पांडे जैसे नेता और समाजसेवी इस मुद्दे पर जनता की आवाज बुलंद कर रहे हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस गंभीर समस्या पर क्या कदम उठाती है और जनता को राहत कब मिलती है।