लखीमपुर खीरी:मुहर्रम का महीना, इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना, पूरे विश्व में मुसलमानों द्वारा शोक और याद के साथ मनाया जाता है। यह महीना कर्बला की घटना को याद दिलाता है, जहाँ हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों ने सच्चाई और इंसाफ के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
लखीमपुर सदर से स्वतंत्र उम्मीदवार रामजी पांडे ने मुहर्रम के अवसर पर कर्बला के शहीदों और हज़रत इमाम हुसैन की सच्चाई और इंसाफ के लिए दी गई शहादत को नमन किया। उन्होंने कहा, "हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बानी हमें सिखाती है कि सच्चाई और न्याय के लिए खड़ा होना कितना महत्वपूर्ण है। उनकी शहादत ने यह संदेश दिया कि सत्य और धर्म की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार की कुर्बानी दी जा सकती है।"
रामजी पांडे ने अपने संदेश में कहा कि कर्बला की घटना हमें यह सिखाती है कि अत्याचार के खिलाफ खड़े होना और इंसानियत के लिए संघर्ष करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे हज़रत इमाम हुसैन के संदेश को अपनाएं और अपने जीवन में सत्य और न्याय की रक्षा करें।
मुहर्रम के इस पावन अवसर पर रामजी पांडे ने सभी से शांति, एकता और भाईचारे का संदेश फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमें एकजुट होकर समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना चाहिए और सभी धर्मों के प्रति सम्मान और प्रेम का भाव रखना चाहिए।"
इस अवसर पर लखीमपुर सदर के विभिन्न इलाकों में मुहर्रम की ताजिया और मातम की प्रथाओं का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। रामजी पांडे ने इन आयोजनों में भाग लिया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुहर्रम का यह पावन अवसर हमें यह याद दिलाता है कि सच्चाई और न्याय के लिए किए गए संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाते और सच्चाई की हमेशा जीत होती है। हज़रत इमाम हुसैन की शहादत हमें इस दिशा में प्रेरित करती है कि हम भी अपने जीवन में सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलें।