दिल्ली, 20 जून 2024 - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) की संगम-डिजिटल ट्विन पहल के तहत पहला नेटवर्किंग कार्यक्रम 18 और 19 जून को सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में डिजिटल ट्विन-सक्षम समाधानों के लिए एक व्यापक खाका प्रस्तुत किया गया, जिसमें विविध डेटा स्रोतों का लाभ उठाते हुए चुनौतियों का समाधान किया गया।
संचार सचिव, डॉ. नीरज मित्तल ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, डेटा के उपयोग से वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "विभिन्न डेटा स्रोतों का एकीकृत उपयोग और प्रतिभागियों के बीच सहयोग, डिजिटल ट्विन-सक्षम समाधानों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
इस कार्यक्रम में अग्रणी कंपनियों के प्रतिनिधियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और विभिन्न क्षेत्रों में अभिनव डिजिटल समाधानों पर चर्चा की। प्रमुख कार्यक्षेत्रों और उपयोग मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं:
मल्टीमॉडल परिवहन योजना: इस पहल से शहरों में यातायात प्रबंधन में सुधार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
स्वास्थ्य सेवा पहुंच और सेवा को बढ़ाना: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार के लिए डिजिटल ट्विन का उपयोग।
पर्यावरण गुणवत्ता का आकलन: पर्यावरणीय निगरानी और संरक्षण के लिए डेटा-संचालित समाधानों का विकास।
आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली प्रबंधन: आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए डिजिटल ट्विन तकनीकों का उपयोग।
क्षैतिज विषयों पर चर्चा
कार्यक्रम में कुछ महत्वपूर्ण क्षैतिज विषयों पर भी चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं:
गोपनीयता बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकियां: डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों का उपयोग।
डेटा प्रदाता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) शासन संरचना: एआई और डेटा गवर्नेंस के लिए एक मजबूत फ्रेमवर्क का निर्माण।
आभासी दुनिया का निर्माण और सहभागिता क्षमतायें: वर्चुअल रियलिटी और अन्य तकनीकों के माध्यम से सहभागिता के नए तरीके।
गणितीय मॉडलिंग और भौतिकी-आधारित सिमुलेशन: समस्याओं के समाधान के लिए उन्नत मॉडलिंग और सिमुलेशन तकनीकों का उपयोग।
कार्यक्रम के उद्देश्य और भविष्य की योजना
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य डिजिटल ट्विन-सक्षम समाधानों के डिजाइन और वास्तुकला का मार्गदर्शन करना, विभिन्न पक्षों के लिए भूमिकाएँ परिभाषित करना, संभावित ग्राहकों की पहचान करना, धन उपलब्ध कराने वाली संरचनाओं की रूपरेखा तैयार करना, शासन तंत्र स्थापित करना और कार्यान्वयन के लिए रोडमैप तैयार करना था।
आईआईटी दिल्ली में आयोजित इस नेटवर्किंग कार्यक्रम ने संगम-डिजिटल ट्विन पहल को एक मजबूत प्रारंभिक आधार प्रदान किया है। यह पहल न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत के स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया मिशनों के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।