विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी: सशक्तिकरण का नया युग TNI

रामजी पांडे
15 जून 2024, नई दिल्ली - विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में नई दिल्ली में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारत में नवाचार और तकनीकी उन्नति के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इस बैठक में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नवाचार का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाना और जीवनयापन में आसानी प्रदान करना होना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले दो वर्षों में भारत ने 40 से अधिक क्वांटम प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स विकसित किए हैं, जिनमें से कुछ वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन पर ध्यान केंद्रित करने और क्वांटम प्रौद्योगिकियों एवं क्वांटम संचार के विकास पर काम करने का निर्देश दिया। भारत इस समय क्वांटम प्रौद्योगिकियों के मामले में अन्य देशों के साथ बराबरी पर है और इसे एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य है।

केंद्रीय मंत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास में स्टार्टअप्स और निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप 'क्यूयूएनयू लैब्स' की सफलता की कहानी साझा की, जिसने 'क्वांटम टेक्नोलॉजीज पर आधारित सुरक्षा उत्पादों के विकास के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी
महिलाओं की विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग गणित (एसटीईएम) कार्यक्रमों में बढ़ती भागीदारी पर बोलते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में बाह्य अनुसंधान और विकास में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हो गई है। 'कॉमन फेलोशिप पोर्टल' के उद्घाटन के बाद आवेदन प्रक्रिया में आई सुगमता का भी उन्होंने उल्लेख किया। लगभग 300 महिला वैज्ञानिकों को एस्पायर योजना के अंतर्गत अनुसंधान अनुदान प्रदान किए जाने की भी उन्होंने जानकारी दी।

भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2014 में कुछ सैकड़ों से बढ़कर 2024 में 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप्स का आंकड़ा पार कर लिया है। इसमें से 110 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स अंतरिक्ष क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में भी वर्ष 2015 में 81वें से 2023 में 40वें स्थान पर उछाल आया है। विज्ञान व इंजीनियरिंग में प्रदान की गई पीएचडी की संख्या और प्रकाशित शोध पत्रों की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अनुकूल वातावरण के कारण भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास के लिए इसे सबसे अच्छा समय बताया। उन्होंने यह भी साझा किया कि भारत सरकार ने 2016-2023 तक नेशनल इनिशिएटिव फॉर डेवलपिंग एंड हार्नेसिंग इनोवेशन (निधि) में लगभग 900 करोड़ का निवेश किया है, जो उभरते उद्यमियों को समर्थन प्रदान कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह का संकल्प है कि नवाचार का उद्देश्य समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाना और जीवनयापन में आसानी प्रदान करना होना चाहिए। उनके नेतृत्व में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भविष्य में और भी बड़ी ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित है।