शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश से केंद्र तक का सफर TNI

पंकज पराशर
 मध्य प्रदेश :मध्य प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान का नाम बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। चार बार मुख्यमंत्री रह चुके चौहान अब केंद्र सरकार में कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे हैं। उनका यह सफर न केवल प्रदेश की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके कद को दर्शाता है।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से की। आरएसएस से जुड़ने के बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जरिए राजनीति में कदम रखा। आपातकाल के दौरान उन्होंने जेल भी काटी, जो उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता और साहस का प्रतीक है।

चौहान ने अपना पहला चुनाव 1975 में मॉडल हाई सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर लड़ा और विजय प्राप्त की। एबीवीपी से जुड़े रहने के बाद वे भारतीय जनता युवा मोर्चा में पहुंचे और प्रदेश के संयुक्त सचिव बने। 1990 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव बुधनी से लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 1991 में उन्होंने विदिशा से लोकसभा का चुनाव लड़ा, जब अटल बिहारी वाजपेई ने लखनऊ और विदिशा दोनों सीटों से जीत दर्ज की थी और विदिशा सीट खाली कर दी थी।

विदिशा संसदीय क्षेत्र से शिवराज सिंह चौहान 1996, 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। हाल ही में हुए 2024 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने विदिशा से जीत दर्ज की और पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान का कार्यकाल नवंबर 2005 से दिसंबर 2023 तक रहा, जिसमें 18 महीने का एक छोटा अंतराल भी शामिल है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों और विकास कार्यों ने मध्य प्रदेश को एक नई दिशा दी। चौहान ने पार्टी के भीतर भी महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं, जैसे कि संसदीय बोर्ड के सदस्य और भाजपा के सदस्यता प्रमुख।

अब, शिवराज सिंह चौहान केंद्र में कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं। उनके अनुभव और कुशल नेतृत्व से उम्मीद है कि वे इस नई भूमिका में भी अपनी छाप छोड़ेंगे और देश के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उनका सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समर्पण और मेहनत से किस तरह राजनीतिक क्षितिज पर ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं।