अगर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की तो मैं ग्रंथी सिख और उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष का नेतृत्व खुद करूंगा: ज्ञानी रघबीर सिंह TNI

रिपोर्ट अंग्रेज चीमा 
लखीमपुर खीरी, 30 मई: श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पास के गांव पिपरियां मझरा में ग्रंथी सिंह की नाबालिग बेटी के अपहरण और बलात्कार के आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस की ढिलाई पर कड़ा नोटिस लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो सिख संगत अपने स्तर पर बड़ा और कड़ा कदम उठाने को मजबूर होगी, जिसकी अगुवाई स्वयं करने से वह गुरेज नहीं करेंगे।

श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय के मीडिया सलाहकार तलविंदर सिंह बुट्टर की ओर से जारी एक लिखित बयान में सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी सिख की उत्तर प्रदेश के पीलीभीत की तहसील पूरनपुर के गांव पिपरियां मझरा में 13 वर्षीय लड़की के साथ कुछ लोगों द्वारा अपहरण कर दुष्कर्म की बेहद दुखद घटना सामने आई है।

उन्होंने कहा कि पीड़ित लड़की ने कोर्ट में अपने बयान के दौरान आरोपियों की पहचान कर ली है, लेकिन वहां के लोगों को पता चला है कि स्थानीय पुलिस अधिकारी दोनों भ्रष्ट आरोपियों का पक्ष ले रहे हैं और आरोपी खुलेआम कह रहे हैं कि किसी भी हालत में उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होगी।

ज्ञानी रघबीर सिंह ने सख्त लहजे में कहा कि पूरा सिख समुदाय ग्रंथी सिंह और उनके परिवार के साथ खड़ा है और उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि उनके राज्य में एक चौराहे पर बेटी-बहन से दुराचार करने वाले को अगले चौराहे पर गोली मार दी जाती है, लेकिन ग्रंथी सिंह की नाबालिग बेटी के अपहरणकर्ता और बलात्कारी के खिलाफ सरकार का कानून कहां गया?

उन्होंने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे हटती है तो सिखों के संघर्ष के परिणामों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी। ज्ञानी रघबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि सिख संगत अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेगी और वह स्वयं इस संघर्ष का नेतृत्व करेंगे।

यह अल्टीमेटम और ज्ञानी रघबीर सिंह का बयान इस घटना के प्रति सिख समुदाय की गंभीरता और न्याय की मांग को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस इस मामले में कितनी त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करती हैं।