नई दिल्ली, 7 जून 2024 भारतीय समाज में पितृ दोष का विशेष महत्व है और इसे दूर करने के लिए विभिन्न उपाय सुझाए गए हैं। इनमें से एक प्रमुख उपाय है पीपल का पेड़ लगाना। इस उपाय को धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।
धार्मिक दृष्टिकोण
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व है। इसे भगवान विष्णु का वास माना जाता है और इसके पत्तों में त्रिदेवों का निवास कहा गया है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि पीपल का पेड़ लगाने से पितरों को तृप्ति मिलती है और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। पीपल को नियमित रूप से जल अर्पित करने और इसकी पूजा करने से पितृ दोष दूर होता है।
पितृ दोष के निवारण के लिए अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही, पीपल के पेड़ को लगाने और उसकी सेवा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे संतुष्ट होते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी पीपल का पेड़ लगाने के कई लाभ हैं। पीपल का पेड़ सबसे अधिक ऑक्सीजन प्रदान करने वाले पेड़ों में से एक है। यह 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और मानव स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, पीपल का पेड़ पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पीपल के पेड़ की जड़ों से मिट्टी का क्षरण रुकता है और यह भूजल स्तर को भी बनाए रखने में मददगार है। इसके पत्तों और छाल में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न बीमारियों के उपचार में उपयोगी हैं।
पीपल का पेड़ लगाना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से पितृ दोष से मुक्ति दिलाने वाला उपाय है, बल्कि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसलिए, इसे लगाने और संरक्षित करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पितरों की शांति और आशीर्वाद के लिए पीपल का पेड़ लगाकर उसके संरक्षण का संकल्प लें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाएं।