Dr Priya
नई दिल्ली दांतों की समस्याएं आम हैं, लेकिन यदि समय रहते ध्यान दिया जाए, तो इनसे बचा जा सकता है। दांत के दर्द, पीलेपन और कीड़े जैसी समस्याओं का इलाज कुछ आसान घरेलू उपायों और सही दंत चिकित्सा के जरिए किया जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे।
दांत का दर्द अक्सर दांत में कैविटी, मसूड़ों की बीमारी या दांत की जड़ में संक्रमण के कारण होता है। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय हैं:
लौंग का तेल: लौंग में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं। लौंग का तेल दर्द वाले हिस्से पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
नमक और काली मिर्च का पेस्ट: थोड़े से नमक और काली मिर्च को मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे प्रभावित दांत पर लगाएं। इससे दर्द में तुरंत राहत मिलती है।
गर्म पानी से कुल्ला: एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर कुल्ला करने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है।
दांत के पीलेपन का उपचार
दांतों का पीला होना आमतौर पर सही तरीके से ब्रश न करने, तंबाकू का सेवन, चाय और कॉफी का अधिक सेवन, और खराब दंत स्वच्छता के कारण होता है। इसे दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
बेकिंग सोडा और नींबू का रस: बेकिंग सोडा और नींबू के रस का पेस्ट बनाकर दांतों पर लगाने से दांत चमकदार बनते हैं।
स्ट्रॉबेरी और बेकिंग सोडा: स्ट्रॉबेरी को मसलकर उसमें थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाएं और इस मिश्रण से दांतों को ब्रश करें। इससे दांतों की चमक बढ़ती है।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड और बेकिंग सोडा: हाइड्रोजन पेरोक्साइड और बेकिंग सोडा का पेस्ट बनाकर दांतों पर लगाने से दांत सफेद होते हैं। हालांकि, इसका प्रयोग सीमित मात्रा में और सावधानीपूर्वक करें।
दांत में कीड़े का इलाज
दांत में कीड़े लगना यानि कैविटी होना एक सामान्य समस्या है। इसे रोकने और ठीक करने के लिए कुछ उपाय हैं:
अजवायन का तेल: अजवायन का तेल एंटीसेप्टिक होता है। इसे कैविटी वाले हिस्से पर लगाने से कीड़े मर जाते हैं और दर्द में राहत मिलती है।
लहसुन: लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। लहसुन की कली को पीसकर उसे प्रभावित हिस्से पर लगाने से कीड़े मर जाते हैं।
हल्दी और नमक: हल्दी और नमक का मिश्रण बनाकर उसे कैविटी वाले हिस्से पर लगाने से संक्रमण दूर होता है।
दांतों की समस्याओं से बचने के लिए दंत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
दो बार ब्रश करें: सुबह और रात को सोने से पहले ब्रश करना आवश्यक है। यह दांतों पर जमा बैक्टीरिया और खाद्य कणों को हटाता है।
फ्लॉसिंग: ब्रश करने के बाद फ्लॉसिंग करना भी महत्वपूर्ण है। यह दांतों के बीच के हिस्सों को साफ करता है जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता।
माउथवॉश का उपयोग: नियमित रूप से माउथवॉश का उपयोग करने से मुंह के बैक्टीरिया कम होते हैं और मुंह की ताजगी बनी रहती है।
स्वस्थ आहार: शर्करा और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार से बचें, क्योंकि ये दांतों में कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।
घरेलू उपायों के साथ-साथ नियमित रूप से दंत चिकित्सक के पास जाना भी आवश्यक है। हर छह महीने में दांतों की जांच और सफाई कराना चाहिए। इससे किसी भी समस्या का शुरुआती चरण में ही पता चल जाता है और उसे गंभीर होने से पहले ही ठीक किया जा सकता है।
दांतों की समस्याओं से बचने के लिए नियमित दंत स्वच्छता और घरेलू उपायों का पालन करना जरूरी है। लौंग का तेल, बेकिंग सोडा और हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसे उपाय दांत के दर्द, पीलेपन और कीड़े से राहत दिला सकते हैं। नियमित रूप से दंत चिकित्सक के पास जाकर अपनी दांतों की स्थिति की जांच करवाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही देखभाल और सतर्कता से आपके दांत लंबे समय तक स्वस्थ और चमकदार रह सकते हैं।