नई दिल्ली, 28 जून 2024 : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के अंतर्गत ब्याज अनुदान दावों के त्वरित निपटान के लिए एक वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, नाबार्ड के अध्यक्ष, किसान कल्याण विभाग और बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। उन्होंने बताया कि कृषि अवसंरचना कोष को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये की फंडिंग के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य फसलों के भंडारण की क्षमता बढ़ाना और किसानों के नुकसान को कम करना है।
इस नए वेब पोर्टल के माध्यम से बैंकों द्वारा प्रस्तुत ब्याज अनुदान दावों का निपटान अब एक दिन के भीतर सुनिश्चित हो जाएगा, जबकि पहले मैन्युअल निपटान के लिए महीनों का समय लग जाता था। यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और भ्रष्ट तरीकों पर रोक लगाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आज तक कृषि अवसंरचना कोष के तहत 67,871 परियोजनाओं के लिए ₹43,000 करोड़ स्वीकृत किए जा चुके हैं और ₹72,000 करोड़ का निवेश जुटाया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वचालित प्रणाली पोर्टल के माध्यम से सटीक पात्र ब्याज अनुदान की गणना में मदद करेगी, जिससे मैन्युअल प्रसंस्करण में संभावित मानव त्रुटि से बचा जा सकेगा और दावों का तेजी से निपटान होगा।
इस पोर्टल का उपयोग बैंक, कृषि और किसान कल्याण विभाग (DA&FW) का केंद्रीय परियोजना प्रबंधन इकाई (CPMU) और NABARD करेंगे। ब्याज अनुदान दावा और क्रेडिट गारंटी शुल्क दावा प्रसंस्करण का स्वचालन सरकार को सटीक ब्याज अनुदान जारी करने, समय को कम करने और बदले में किसानों और कृषि उद्यमियों को वित्तीय रूप से मदद करने और उन्हें देश में कृषि के विकास के लिए अधिक परियोजनाएं लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
इसके साथ ही, श्री चौहान ने भारतीय किसानों की आवाज़ को बुलंद करने के लिए 'कृषि कथा' ब्लॉगसाइट भी लॉन्च की। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपने अनुभव साझा कर सकेंगे और एक-दूसरे के अनुभवों से लाभान्वित हो सकेंगे। कई किसान स्वयं प्रयोग कर रहे हैं और उनकी सफल कहानियों को दूसरों के लिए अनुकरणीय बनाने के लिए यह ब्लॉगसाइट एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित होगी।
श्री चौहान ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, सहयोग को बढ़ावा देना और किसानों को सशक्त बनाना है।