अरक्कोणम, तमिलनाडु (07 जून 2024) - भारतीय नौसेना के इतिहास में एक नया अध्याय तब जुड़ गया जब सब-लेफ्टिनेंट अनामिका बी. राजीव ने 'पहली महिला नौसेना हेलीकॉप्टर पायलट' के रूप में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। यह मील का पत्थर भारतीय नौसेना की लैंगिक समावेशिता और महिलाओं के लिए करियर के अवसरों के विस्तार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएनएस रजाली, अरक्कोणम में आयोजित 102वें हेलिकॉप्टर कन्वर्जन कोर्स (एचसीसी) और चौथे बेसिक हेलिकॉप्टर कन्वर्जन कोर्स (बीएचसीसी) के चरण (I) के पासिंग आउट परेड में यह गौरवशाली क्षण सामने आया।
स्नातक समारोह: एक गौरवमयी आयोजन
इस विशेष अवसर पर वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और 21 अधिकारियों को प्रतिष्ठित "गोल्डन विंग्स" से सम्मानित किया। इनमें 03 बीएचसीसी के तीन अधिकारी और 04 बेसिक कन्वर्जन कोर्स (बीसीसी) के तीन अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने सफलतापूर्वक चरण - (I) प्रशिक्षण पूरा किया।
22 सप्ताह का कठोर प्रशिक्षण
भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन 561 में 22 सप्ताह के गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद यह उपलब्धि हासिल की गई। यह प्रशिक्षण भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर पायलटों के मातृ संस्थान में कड़ी उड़ान और जमीनी प्रशिक्षण को शामिल करता है, जो पायलटों को विभिन्न सैन्य अभियानों के लिए तैयार करता है।
उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार
इस पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट गुरकीरत राजपूत को एफओसीइनसी, पूर्वी नौसेना कमान रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की गई, जो उड़ान में योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पर रहने वाले प्रशिक्षु पायलट को दी जाती है। ग्राउंड विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सब लेफ्टिनेंट कुंटे मेमोरियल बुक पुरस्कार लेफ्टिनेंट नितिन शरण चतुर्वेदी को दिया गया। समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान के लिए केरल राज्यपाल रोलिंग ट्रॉफी लेफ्टिनेंट दीपक गुप्ता को प्रदान की गई।
अनामिका बी. राजीव का ऐतिहासिक कदम
सब-लेफ्टिनेंट अनामिका बी. राजीव की यह उपलब्धि भारतीय नौसेना के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने न केवल नौसेना में महिलाओं के लिए नए द्वार खोले हैं, बल्कि युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी बनी हैं। उनके इस प्रयास ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के समान ही सफल हो सकती हैं।
भविष्य की दिशा
102 एचसीसी के नए योग्य पायलट अब भारतीय नौसेना की विभिन्न फ्रंट-लाइन परिचालन इकाइयों में शामिल होंगे, जहां वे टोही, निगरानी, खोज एवं बचाव और एंटी-पायरेसी जैसे विविध मिशनों को अंजाम देंगे। वहीं, 04 बीएचसीसी के अधिकारी चरण - (II) प्रशिक्षण के लिए हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण स्कूल में बने रहेंगे।
सफलता की धरोहर
आईएनएस रजाली में स्थित हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण स्कूल ने पिछले पांच दशकों में भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और मित्र विदेशी देशों के 849 पायलटों को प्रशिक्षित किया है। यह स्कूल अपने सावधानीपूर्वक योजना और निष्पादन के साथ ‘हर बार समय पर’ पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए जाना जाता है।
सब-लेफ्टिनेंट अनामिका बी. राजीव और अन्य स्नातक पायलटों की यह सफलता न केवल भारतीय नौसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह देशभर की युवा महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायक कहानी भी है। भारतीय नौसेना के इस साहसिक और प्रेरणादायक कदम से यह स्पष्ट होता है कि अवसर और समानता के द्वार अब हर किसी के लिए खुले हैं।