लड्डू गोपाल को क्या-क्या नहीं खिलाना चाहिए: भक्तों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

नई दिल्ली लड्डू गोपाल, जो भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप है, का पूजन और सेवा भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भक्तजन उनकी सेवा में पूरी श्रद्धा और समर्पण से जुटते हैं। इसी सेवा का एक प्रमुख हिस्सा है लड्डू गोपाल को भोग लगाना। हालांकि, इस दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि उनकी सेवा में कोई त्रुटि न हो। यहां हम बताएंगे कि लड्डू गोपाल को क्या-क्या नहीं खिलाना चाहिए।

ताजे फलों के बजाय खट्टे और ज्यादा मीठे फल: लड्डू गोपाल को ताजे और मधुर फल ही अर्पित करने चाहिए। खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, बहुत अधिक मीठे फल भी नहीं चढ़ाने चाहिए।

तामसिक भोजन: भगवान कृष्ण को प्याज, लहसुन और अन्य तामसिक भोजन नहीं अर्पित करना चाहिए। यह भोजन सात्विक नहीं माना जाता है और पूजन में वर्जित है।

बासी भोजन: भगवान को कभी भी बासी या फिर फ्रिज में रखा हुआ भोजन नहीं चढ़ाना चाहिए। केवल ताजा बना हुआ, शुद्ध और सात्विक भोजन ही अर्पित करें।

तेज मसाले और तेलयुक्त भोजन: लड्डू गोपाल को तीखे और बहुत ज्यादा तेल-मसाले वाले भोजन नहीं देने चाहिए। भगवान को शुद्ध और हल्का भोजन अर्पित करें, जैसे कि फल, माखन, मिश्री, और दूध से बने व्यंजन।

प्रोसेस्ड फूड और पैकेज्ड स्नैक्स: आजकल बाजार में उपलब्ध प्रोसेस्ड फूड और पैकेज्ड स्नैक्स भगवान को नहीं चढ़ाने चाहिए। ये चीजें प्राकृतिक नहीं होती और उनमें प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं जो शुद्धता के दृष्टिकोण से ठीक नहीं हैं।

मांसाहार: यह सर्वविदित है कि भगवान को कभी भी मांसाहार नहीं चढ़ाया जाता। लड्डू गोपाल को हमेशा शाकाहारी और सात्विक भोजन ही अर्पित करें।

अत्यधिक नमक या चीनी: अधिक नमक या चीनी वाले भोजन भगवान को नहीं अर्पित करने चाहिए। उनके लिए भोग हल्का, शुद्ध और संतुलित होना चाहिए।

गंदे या अशुद्ध बर्तन में रखा भोजन: ध्यान रहे कि भगवान को जो भी भोग अर्पित कर रहे हैं, वह शुद्ध और स्वच्छ बर्तनों में ही होना चाहिए। गंदे या अशुद्ध बर्तन में रखा हुआ भोजन भगवान को अपवित्र मानते हैं।

लड्डू गोपाल को भोग अर्पित करने का अर्थ है भगवान की सेवा और उनका ध्यान करना। इसलिए, जब भी आप भगवान को भोग अर्पित करें, तो उपरोक्त बातों का ध्यान रखें। इससे आपकी सेवा शुद्ध और संपूर्ण मानी जाएगी और भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी। भक्तों के लिए यह जानना आवश्यक है कि उनकी सेवा और भक्ति में कोई कमी न रह जाए।

जय श्री कृष्ण!