रामजी पांडेय
नई दिल्ली आज 20 जून, 2024 को भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) के कार्य समूह 2 ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों में बारह उच्च-प्रभाव समाधान प्रदाताओं की विशेषता वाले स्टार्टअप मैचमेकिंग कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के बीच स्थायी और नवाचार-उन्मुख सहयोग को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम में बैटरी रीसाइक्लिंग के विभिन्न चरणों में काम करने वाले स्टार्टअप्स ने भाग लिया, जिनमें संग्रहण से लेकर मूल्यवान खनिज निष्कर्षण तक शामिल थे। भारतीय पक्ष से लोहुम, एलडब्ल्यू3 प्राइवेट लिमिटेड, बैटएक्स एनर्जीज, एवरग्रीन लिथियम रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड, मेटास्टेबल मटीरियल्स प्राइवेट लिमिटेड, और सेनॉल वेस्ट मैनेजमेंट एलएलपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से अल्टरिटी, इकोमेट रिफाइनिंग, एनेरिस, प्रिमोबियस, रॉकटेक और टोजेरो ने अपनी नवाचारी तकनीकों को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ में भारत के राजदूत महामहिम श्री सौरभ कुमार और भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के राजदूत श्री हर्वे डेल्फिन के उद्घाटन भाषण से हुई। दोनों राजदूतों ने हरित प्रौद्योगिकियों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से तेजी से बढ़ते ईवी क्षेत्र में।
स्टार्टअप मैचमेकिंग कार्यक्रम के दौरान, स्टार्टअप्स को अपनी नवीन तकनीकों को पेश करने का एक विशेष मंच प्रदान किया गया। अभिरुचि की अभिव्यक्ति के आह्वान के बाद, भारत और यूरोपीय संघ के विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र समिति ने वैज्ञानिक योग्यता, बाजार की तत्परता और सहयोग की संभावनाओं के आधार पर इन बारह स्टार्टअप्स का चयन किया।
यह पहल न केवल नवाचार को प्रोत्साहित करती है, बल्कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को भी आगे बढ़ाती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के साथ, बैटरी रीसाइक्लिंग का महत्व भी बढ़ रहा है। यह कार्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास दोनों को बल मिलेगा।
इस महत्वपूर्ण आयोजन ने दोनों क्षेत्रों के स्टार्टअप्स को आपस में सहयोग करने और अपने-अपने क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। इससे न केवल व्यापारिक संबंधों को बल मिलेगा, बल्कि एक हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति होगी