जाने लू ||लगने से क्यों होती है इंसान की मौत

नई दिल्ली गर्मियों के दौरान, विशेषकर जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, लू लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है। दिल्ली से आंध्र प्रदेश तक सैकड़ों लोग लू लगने से अपनी जान गंवा रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर लू लगने से मृत्यु क्यों होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

शरीर का तापमान नियंत्रण
हमारे शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते हैं। जब बाहर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर तापमान को नियंत्रित करता है। लेकिन जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो यह प्रक्रिया रुक जाती है।

लू लगने के कारण
उच्च तापमान: जब बाहर का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँचने लगता है।
पानी की कमी: पानी शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। शरीर में पानी की कमी होने पर पसीना आना बंद हो जाता है, जिससे शरीर का तापमान बढ़ने लगता है।
रक्त की गर्मी: जब शरीर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है, तो रक्त गर्म होने लगता है और उसमें उपस्थित प्रोटीन पकने लगते हैं।
स्नायु तंत्र की विफलता: स्नायु कड़क होने लगते हैं और सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं।
रक्त संचार की रुकावट: शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा हो जाता है, ब्लडप्रेशर कम हो जाता है और महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
कोमा और अंगों की विफलता: व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं, जिससे उसकी मृत्यु हो जाती है।
बचाव के उपाय
पानी पिएं: गर्मी के दिनों में लगातार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम 3 लीटर पानी पिएं।
धूप से बचाव: 12 से 3 बजे के बीच घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें। इस समय बाहर का तापमान सबसे ज्यादा होता है।
फल और सब्जियाँ: अपने भोजन में फल और सब्जियों को अधिक स्थान दें।
मांस का सेवन कम करें: मांस का प्रयोग कम से कम करें।
ठंडे पानी से नहाएं: ठंडे पानी से नहाना शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।
ब्लड प्रेशर पर नजर रखें: जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें।
कमरे की नमी बनाए रखें: शयन कक्ष और अन्य कमरों में दो आधे पानी से भरे खुले पात्र रखकर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है।
होठों और आँखों को नम रखें: अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें।
जनहित में सन्देश
यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि हीट स्ट्रोक और लू से होने वाली मृत्यु से बचा जा सके। हीट वेव कोई मजाक नहीं है और इसका सामना करने के लिए सही जानकारी और सतर्कता आवश्यक है। इसलिए, इस जानकारी को अपने जानने वालों के साथ साझा करें और स्वयं भी सुरक्षित रहें।