किडनी पथरी से छुटकारा|| जानें पथरचट्टा की पत्तियों से इलाज का अनमोल तरीका

रामजी पांडे
नई दिल्ली किडनी में पथरी एक गंभीर समस्या है, जिससे कई लोग जूझते हैं। पथरी के कारण असहनीय दर्द और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सा में कुछ ऐसे उपाय हैं जो किडनी पथरी को प्रभावी ढंग से दूर करने में मदद कर सकते हैं। ऐसी ही एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि है "पथरचट्टा" (बृयोपाइलम पिनाटम) की पत्तियां। यह पौधा किडनी पथरी को घोलने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

पथरचट्टा की पत्तियों के फायदे
पथरचट्टा की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डाइयुरेटिक गुण होते हैं जो किडनी की सेहत को बनाए रखने और पथरी को घोलने में मदद करते हैं। यह पत्तियां किडनी में जमा कैल्शियम और अन्य मिनरल्स को धीरे-धीरे घोल देती हैं, जिससे पथरी अपने आप ही बाहर निकल जाती है।

पथरचट्टा पत्तियों का इस्तेमाल कैसे करें
ताजे पत्ते का रस: सबसे सरल तरीका है कि पथरचट्टा के ताजे पत्तों का रस निकालकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करें। लगभग 20-30 मिलीलीटर रस का सेवन लाभकारी होता है।

सूखे पत्तों का पाउडर: पथरचट्टा के पत्तों को छाया में सुखाकर उसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को प्रतिदिन एक चम्मच पानी के साथ लें। इससे पथरी धीरे-धीरे घुलने लगती है।

काढ़ा: पथरचट्टा की पत्तियों का काढ़ा भी बनाकर पी सकते हैं। इसके लिए कुछ ताजे पत्तों को पानी में उबालें और छानकर इस काढ़े का सेवन करें।

सावधानियां और परामर्श
किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें, खासकर यदि आप किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं।
नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं ताकि किडनी में पथरी बनने का खतरा कम हो सके।
यदि पथरी की समस्या गंभीर हो या दर्द असहनीय हो तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
निष्कर्ष
पथरचट्टा की पत्तियां किडनी पथरी के इलाज में एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय साबित हो सकती हैं। इसका सही और नियमित उपयोग किडनी की सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा की इस विधि को अपनाकर आप किडनी पथरी से निजात पा सकते