नई दिल्ली भारत में जलविद्युत विकास के सबसे बड़े संगठन एनएचपीसी लिमिटेड ने जल प्रवाह के ऊपर स्थापित तैरते हुए सौर ऊर्जा संयंत्र (फ्लोटिंग सोलर इंडस्ट्री) उद्योग के लिए प्रौद्योगिकी प्रदाता के रूप में काम करने वाली नॉर्वेजियन कंपनी मैसर्स ओशन सन के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू के अनुसार, राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक कारपोरेशन – एनएचपीसी) और ओशन सन फोटोवोल्टिक पैनलों पर आधारित ओशन सन की जल प्रवाह के ऊपर स्थापित तैरती हुई (फ्लोटिंग) सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन के लिए सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों का पता लगाएंगे। ऐसे पैनलों को एनएचपीसी द्वारा पहचाने जाने वाले प्रासंगिक स्थलों पर हाइड्रो-इलास्टिक झिल्ली (मेम्ब्रेंस) पर लगाया जाएगा।
यह समझौता एनएचपीसी द्वारा सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के प्रयासों की उस निरंतरता में है, जो न केवल जल विद्युत विकास में बल्कि सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं जैसी विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में भी लगी हुई है।
कल 29 अप्रैल, 2024 को नॉर्वे दूतावास, नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर एनएचपीसी के कार्यकारी निदेशक (नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन), श्री वी.आर. श्रीवास्तव और ओशन सन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), श्री क्रिस्टियन टोरवॉल्ड द्वारा हाइब्रिड मोड में हस्ताक्षर किए गए थे। भारत में नॉर्वे के राजदूत, महामहिम सुश्री मे-एलिन स्टेनर; निदेशक (तकनीकी), एनएचपीसी, श्री राज कुमार चौधरी और कार्यकारी निदेशक (रणनीति व्यवसाय विकास और परामर्श), एनएचपीसी, श्री रजत गुप्ता इस अवसर पर उपस्थित थे, जबकि नॉर्वे में भारत के राजदूत, महामहिम डॉ. एक्विनो विमल ओस्लो से इस हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए।