लखीमपुर खीरी में रामजी पांडे के नाम की चर्चा मात्र से ही विरोधियों के कान खड़े होने लगे है जबकि वह स्वयं चुनावी मैदान में नहीं है लेकिन उनके समर्थकों की भूमिका भी सत्ता के राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ सकती है। क्योंकि इस इलाके में उनकी संख्या बहुत बड़ी है ।
रामजी पांडे की रणनीतिक टीम उन्हें राजनीतिक मैदान में न केवल मजबूती दे सकती है, बल्कि उन्हें राजनीतिक परिदृश्य को पलटने की क्षमता भी देती रही है जिसका असर पिछले नगरपालिका चुनाव में साफ दिखा था जिसमे उनकी रणनीतिक टीम ने बड़ी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को निर्दलीय उम्मीदवार से हरा दिया था जिसमे उनके समर्थन मात्र से ही बिना चुनाव लड़े ही सत्ता का खेल बदल गया था।उनकी छुपा प्रचार टीम की रणनीति विरोधियों के रणनीतियों पर भारी पड़ी थी।
अब देखना यहां है कि इस बार बड़े चुनाव में उनके समर्थकों का सपोर्ट किस करवट बैठता है। फिलहाल अभी तक उनके समर्थकों की मौजूदगी किसी के समर्थन या विरोध में नजर नहीं आ रही है।