नई दिल्ली मानव तस्करी से निपटने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने आज रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस सहयोगात्मक प्रयास के माध्यम से, दोनों संगठनों ने भारतीय रेलवे नेटवर्क के भीतर महिला तस्करी की समस्याओं को प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आरपीएफ अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने और संवेदनशील बनाने का संकल्प लिया।
राष्ट्रीय महिला आयोग और रेलवे सुरक्षा बल ने मिलकर पूरे भारत में मानव तस्करी से निपटने के प्रयासों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) की घोषणा की। समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त सचिव ए.अशोली चलाई और रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक सर्वप्रिय मयंक ने हस्ताक्षर किए। यह विशेष रूप से भारतीय रेलवे के व्यापक नेटवर्क के भीतर मानव तस्करी के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए दोनों संगठनों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इस पहल में चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आए हैं, जिसमें बताया गया है कि तस्करी की शिकार 70 प्रतिशत महिलाएं हैं, ये इस स्थिति पर तत्काल कार्रवाई की मांग करती है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने 2 अप्रैल, 2022 को मानव तस्करी विरोधी सेल की स्थापना की। आयोग पहले से ही महिलाओं की तस्करी से निपटने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के साथ काम कर रहा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा ने कहा कि महिलाएं और युवा लड़कियों को तस्करी से खतरा है। 65,000 किलोमीटर और 7,500 स्टेशनों तक फैला भारतीय रेलवे का विशाल रेलवे नेटवर्क, दुर्भाग्य से, तस्करों के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। रेलवे स्टेशनों पर तैनात आरपीएफ कर्मी मानव तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने और उन पर कड़ी नजर रखने में आयोग की मदद करते हैं।
समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्यों में मानव तस्करी को रोकने और तस्करी की शिकार महिलाओं को बचाने के लिए सहयोगात्मक प्रयास शामिल हैं। इसमें मानव तस्करी की घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए आरपीएफ कर्मियों के लिए संवेदीकरण कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों और आम जनता को मानव तस्करी के संकेतों के बारे में शिक्षित करने और ऐसे मामलों की प्रभावी ढंग से रिपोर्ट करने के तरीके के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।
समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, आरपीएफ कर्मियों को निरंतर संवेदनशीलता और प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे वे संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर सकेंगे और प्रभावी ढंग से इन मामलों की रिपोर्ट कर सकेंगे। इसका उद्देश्य आरपीएफ कर्मियों की क्षमताओं को बढ़ाना है, जिससे वे मानव तस्करी के खिलाफ सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत के रूप में काम कर सकें।
रेलवे के माध्यम से महिलाओं और लड़कियों की तस्करी को रोकने के उद्देश्य से आरपीएफ के प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए आरपीएफ के महानिदेशक श्री मनोज यादव ने आशा व्यक्त की कि इस प्रयास से महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने में आरपीएफ की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग और रेलवे सुरक्षा बल के बीच यह साझेदारी मानव तस्करी से निपटने और भारत के रेलवे नेटवर्क में महिलाओं की सुरक्षा के सामूहिक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है।