नई दिल्ली उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कल वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में "लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिला कार्यबल की भागीदारी को सक्षम करना" विषय पर हितधारक परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया। इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में, जो देश के विकसित भारत विजन 2047 का एक महत्वपूर्ण घटक है, महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है।
इस कार्यक्रम में डीपीआईआईटी के अपर सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर ने अपने संबोधन में लॉजिस्टिक्स उद्योग के विकास और नवाचार के लिए लैंगिक विविधता के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके संबोधन ने कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि और सहयोगात्मक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दिन-भर के विचार-विमर्श के लिए माहौल तैयार किया।
परामर्श कार्यक्रम ने विभिन्न समूहों के 50 से अधिक पेशेवरों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिसमें उद्योग संघ, एमएसएमई, बड़े उद्यम, कौशल प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षा जगत, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संस्थान शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने लॉजिस्टिक्स में लैंगिक समावेशिता के लिए आगे की कार्ययोजना पर चर्चा की और रणनीति तैयार की। इस कार्यक्रम ने एक सहायक इकोसिस्टम बनाने के महत्व को रेखांकित किया, जो लॉजिस्टिक्स श्रृंखला के सभी स्तरों पर महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित और सुविधाजनक बनाता हो।
परामर्श कार्यक्रम में लॉजिस्टिक्स कार्यबल में महिलाओं के प्रवेश और मौजूदगी में बाधा डालने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की गई। अवसंरचना की बाधाओं से लेकर नीतिगत सुधारों की आवश्यकता जैसे विषयों पर चर्चा की गयी, जो महिलाओं की सुरक्षा, प्रशिक्षण और पेशेवर विकास को प्राथमिकता देते हैं।
चर्चाओं में लॉजिस्टिक्स में नवाचार और दक्षता लाने में महिलाओं की अप्रयुक्त क्षमता पर भी प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम के दौरान, इस क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाने वाली दुनिया भर की सफलता की कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा किया गया।
यह अध्ययन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने के सन्दर्भ में एक सक्षम वातावरण तैयार करने हेतु एक रोडमैप तैयार करने के लिए सभी संबंधित हितधारकों से व्यापक स्तर पर फीडबैक प्राप्त करेगा।