भारत सरकार देश के सभी ग्रामीण परिवारों को पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता और नियमित और लंबे समय तक सुरक्षित एवं पीने योग्य नल के जल की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य के लिए भारत सरकार ने अगस्त 2019 में राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन (जेजेएम) की शुरुआत की। पेयजल राज्य का विषय है और इसलिए जल जीवन मिशन सहित पेयजल आपूर्ति योजनाओं, अनुमोदन, कार्यान्वयन, कार्य-कलापों और रख-रखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों की होती है। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों की सहायता करती है।
जल जीवन मिशन की शुरुआत के बाद से ग्रामीण घरों तक नल के जल की पहुंच बढ़ाने की दिशा में देश में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत में, ग्रामीण घरों में नल जल कनेक्शन केवल 3.23 करोड़ (16.8 प्रतिशत) ही थे। अब तक, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 13.12.2023 की रिपोर्ट के अनुसार, जेजेएम के तहत, लगभग 10.58 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। इस प्रकार, 13.12.2023 तक देश के 19.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से, लगभग 13.81 करोड़ (71.77 प्रतिशत) परिवारों के घरों में नल के जल की आपूर्ति किए जाने की जानकारी दी है।
इसके अलावा, शहरी कार्य के लिए आवासन एवं शहरी कार्य आवास मंत्रालय नोडल मंत्रालय है। इसने राष्ट्रीय मिशन यानी कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) एवं अमृत 2.0 कार्यान्वयन के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में पानी के स्थायी प्रबंधन की दिशा में कई पहल की हैं।
कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन, मूलभूत शहरी बुनियादी ढांचे के विकास, विशेष रूप से 500 शहरों में हर घर तक नल कनेक्शन की पहुंच और जल आपूर्ति पर केंद्रित है। 77,640 करोड़ रुपये की स्वीकृत योजना में से जल आपूर्ति क्षेत्र के लिए 39,011 करोड़ रुपये (~50 प्रतिशत) की महत्वपूर्ण राशि आवंटित की गई है। शहरी स्थानीय निकाय/राज्य जल आपूर्ति प्रणाली के नए संवर्धन/पुनर्वास से संबंधित परियोजनाएं, जल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और भूजल के पुनर्भरण आदि के लिए जल निकायों का कायाकल्प शुरू कर सकते हैं। अब तक, 42,987 करोड़ रुपये की लागत वाली 1,348 परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं, जिसमें 22,280 करोड़ रुपये की 1,048 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। कुल मिलाकर 39,435 करोड़ रुपये के भौतिक कार्य से पूरा किये गये, जिनमें 35,650 करोड़ रुपये का व्यय हुआ। इन परियोजनाओं एवं अन्य कार्यक्रमों के समन्वय से अब तक 187 लाख घरेलू जल नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।