ग्रामीण भारत में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के समक्ष आने वाली अनूठी चुनौतियों का समाधान करने के लिए डीएवाई-एनआरएलएम ने युक्तियों का कार्यान्वन किया

ग्रामीण क्षेत्रों में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के समक्ष आने वाली अनूठी चुनौतियों का समाधान करने के लिए जो विशिष्ट युक्तियां की जा रही हैं, वे इस प्रकार हैं:

सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी-2011) द्वारा पहचाने गए कम से कम एक अभाव वाले सभी ग्रामीण परिवारदीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएमके लक्ष्य समूह का निर्माण करते हैं। इसके अतिरिक्तनिर्धनों की सहभागितापूर्ण पहचान (पीआईपी) की प्रक्रिया के माध्यम से निर्धन के रूप में पहचाने गए और ग्राम सभा द्वारा विधिवत मान्य किए गए परिवारों को भी डीएवाई-एनआरएलएम लक्ष्य समूह के रूप में शामिल किया गया है।

मिशन में राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सामाजिक गतिशीलता के हिस्से के रूप में भागीदारीपूर्ण निर्बलता मूल्यांकन प्रक्रियाओं के माध्यम से डीएवाई-एनआरएलएम के तहत अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजातिदिव्यांगजनोंबुजुर्गोंनिर्धनों में से सबसे निर्धन और समुदाय के अन्य निर्बल वर्गों को एसएचजी में शीघ्र शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। ।

1,50000 रुपये प्रति ग्राम संगठन (वीओ) तक की निर्बलता न्यूनीकरण हंड (वीआरएफ) का प्रावधान। यह कॉर्पस फंड व्यक्तियों या घरों या समुदायों के सामने आने वाली निर्बलताओं को दूर करने के लिए ग्राम स्तर पर वीओ/प्राथमिक स्तर फेडरेशन को दिया जाता है।

केरलझारखंड और छत्तीसगढ़ के विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) समुदायों के समावेशन और व्यापक विकास तथा उत्तर प्रदेश में हाशिए पर रहने वाले वनटांगिया और बनवारिया समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विशेष परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।

आरएसईटीआई जिला स्तरीय ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान हैं जिनका प्रबंधन भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी)और राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग से बैंकों द्वारा किया जाता है। ये संस्थान बेरोजगारी की समस्या को कम करने के लिए ग्रामीण युवाओं के लिए आवश्यक कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं। जिले में लीड बैंक आरएसईटीआई के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी लेता है। एमओआरडी भवन और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण पर व्यय को पूरा करने के लिए प्रति आरएसईटीआई अधिकतम 2.0 करोड़ रुपये तक एकमुश्त भवन अनुदान प्रदान कर रहा है। राज्य सरकार आरसेटी भवन के निर्माण के लिए भूमि मुहैया कराती है। वर्तमान में, 577 जिलों में 591 आरएसईटीआई कार्य कर रहे हैं।

मंत्रालय 15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के ग्रामीण निर्धन युवाओं की क्षमता निर्माण के लिए प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल विकास कार्यक्रमदीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) भी कार्यान्वित कर रहा है। घरेलू और वैश्विक कौशल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यह कार्यक्रम सितंबर 2014 से कार्यान्वित किया जा रहा है। डीडीयू-जीकेवाई के तहत अब तक 15,59,438 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी।