Ramji pandey
हरतलिका तीज (Hartalika Teej) हिन्दू धर्म में महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण एक पर्व है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो करीबन अगस्त से सितंबर के बीच होता है। हरतलिका तीज का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
भगवान शिव और पार्वती की कथा: हरतलिका तीज का महत्व मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की कथा के संदर्भ में है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपनी मित्र हरतलिका के साथ मिलकर ब्रत रखा था और व्रत के दौरान वह भगवान शिव की प्राप्ति के लिए तपस्या कर रही थी। इस कथा के माध्यम से महिलाएं अपने पति के लिए लम्बी उम्र और सुख-शांति की कामना करती हैं।
पतिव्रता व्रत: हरतलिका तीज पर महिलाएं अपने पतिव्रता धर्म का पालन करती हैं, जिसमें वे अपने पति के दीर्घायु और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं।
समाजिक और सांस्कृतिक महत्व: हरतलिका तीज का त्योहार महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण समाजिक और सांस्कृतिक अवसर है, जिसमें वे एक-दूसरे के साथ समय बिताती हैं, व्रत रखती हैं, पूजा-अर्चना करती हैं, और सामाजिक मिलनसर आयोजनों में भाग लेती हैं।
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: हरतलिका तीज पर व्रत रखने से स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें उपवास करने, योग करने, और पूजा-अर्चना में विशेष ध्यान देने का आदत होती है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने में मदद कर सकता है।
सुहागिन महिलाओं के लिए आशीर्वाद: हरतलिका तीज का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए उनके पतियों के दीर्घायु और सुख-शांति की कामना करने का एक अवसर भी होता है।
इस प्रकार, हरतलिका तीज एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो महिलाओं के लिए समृद्धि, सौभाग्य, और पतिव्रता धर्म की महत्वपूर्ण प्रतीक है।