*पंकज पाराशर छतरपुर
बुंदेलखंड की राजनीति में जबरदस्त हस्तक्षेप रखने वाला परिवार आज अपनी विरासत बचाने के लिए तड़फड़ा रहा है। देश की राजनीति का एक जाना पहचाना नाम सत्यव्रत चतुर्वेदी की बेटी इन दोनों छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी ठोक रही है। जनता के बीच में खुलकर वर्तमान विधायक नीरज दीक्षित का विरोध भी उनके द्वारा करवाया जा रहा है। बीते कई वर्ष पूर्व राज्यसभा सांसद रहे सत्यव्रत चतुर्वेदी के द्वारा सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बाद वह अपने पुत्र को सक्रिय राजनीति में शामिल करवाना चाह रहे थे बहुत प्रयास करने के बाद भी पुत्र राजनीति में नहीं पहुंच पाया बीते विधानसभा चुनाव में राजनगर से कांग्रेस के द्वारा टिकट न दिए जाने के कारण सत्यव्रत चतुर्वेदी ने अपने पुत्र को समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़वाया और चुनाव हार गए।
पुत्र राजनीति में सेट नहीं हो सका अब बेटी राजनीति में सहभागिता करने के लिए जोर आजमाइश करने में लगी हुई। स्वयं के द्वारा दावा किया जा रहा है कि वह महाराजपुर विधानसभा से कांग्रेस की प्रमुख दावेदार। वही जनता का कहना है कि निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी की दावेदारी से कांग्रेस पार्टी को नुकसान ही हो सकता है क्योंकि अब उनके परिवार का जन आधार खत्म हो गया है। निधि चतुर्वेदी 15 से 20000 वोटो से ही सिमट जाएगी । ऐसे में कांग्रेस पार्टी की मजबूत सीट और हाथ से निकल जाएगी इसलिए कांग्रेस पार्टी कभी भी ऐसा रिस्क नहीं लेगी वहीं क्षेत्र की जनता का कहना है कि छतरपुर शहर में प्रमुख रूप से दुर्घटनाएं रोजाना घटती हैं उसके लिए सरकार के द्वारा डाकखाने चौराहे से बस स्टैंड तक फ्लावर बनाया जाना था जिसकी स्वीकृति भी हो गई थी।
लेकिन टोरिया हाउस के कारण निधि चतुर्वेदी के द्वारा उक्त फ्लावर का भारी विरोध किया गया एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर के उक्त फ्लावर को निरस्त करवाने के लिए भारी प्रयास किए गए जिससे क्षेत्र में जनता काफी नाराज दिखाई दे रही है। अब जनता का कहना है कि निधि चतुर्वेदी किस अधिकार से जनता से वोट मांगती हैं।