डूटा चुनाव |नाम वापसी के बाद दो उम्मीदवार मैदान में


  दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) के 27 सितम्बर को हो रहे चुनाव 2023 --2025 के नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के  पश्चात बृहस्पतिवार को नाम वापस लेने के बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी गई । चुनाव अधिकारी प्रोफेसर सुनील चौधरी ने अध्यक्ष पद और डूटा कार्यकारिणी के नामों की घोषणा की । अध्यक्ष पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में है जबकि 15 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए 21 शिक्षक अपनी किस्मत अजमाएंगे । बता दें कि साल 2021 में कोरोना के चलते डूटा चुनाव नवम्बर के अंतिम सप्ताह में हुए थे । इस बार भी अगस्त की जगह सितम्बर में हो रहे हैं ।

            चुनाव अधिकारी प्रोफेसर सुनील चौधरी ने डूटा अध्यक्ष व 15 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए नामों की घोषणा की । उन्होंने शिक्षकों से अपील की है शांति और सौहार्द्र के साथ चुनाव लड़ें । सभी शिक्षक वोट डालने के लिए अपनी  पहचान के लिए कॉलेज आई डी या कोई पहचान पत्र साथ लाये । एनडीटीएफ की मीडिया टीम सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि इस बार डूटा अध्यक्ष पद के लिए 2 उम्मीदवार मैदान में हैं और इन्हीं के बीच मुकाबला होगा । इसमें एनडीटीएफ की ओर से  दयालसिंह कॉलेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर ए.के.भागी है तो वहीं डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन ने अरबिंदो कॉलेज के शिक्षक डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा है । उन्होंने बताया है कि चुनाव अधिकारी ने नाम वापसी के बाद उम्मीदवारों को उनके बैलट नम्बर भी बताए ।
 
                 डॉ. सुमन ने बताया है कि इस बार जहाँ डूटा अध्यक्ष पद के लिए 2 उम्मीदवार मैदान में हैं वहीं डूटा कार्यकारिणी में एनडीटीएफ की ओर से 5 सदस्यों को चुनाव में उतारा है। इसमें डॉ.कमलेश कुमार रघुवंशी , डॉ.चमन सिंह , डॉ. अदिति नारायणी पासवान , डॉ. आकांक्षा खुराना व डॉ. अमित सिंह है । डूटा चुनाव में अध्यक्ष व 15 सदस्यीय कार्यकारिणी का फैसला 27 सितम्बर को डीयू में पढ़ाने वाले लगभग 9, 600  स्थायी , टेम्परेरी व एडहॉक शिक्षक अपने मत का प्रयोग करके करेंगे । मतदान आर्ट्स फैकल्टी में सुबह 10 बजे से 5 बजे तक होगा । उसी दिन शाम को वोटों की गिनती शुरू होगी । बता दें कि डूटा चुनाव हर दो साल में एक बार होता है । इससे पहले कोरोना काल में  तीन महीने बाद नवम्बर 2021 में डूटा चुनाव हुआ था जिसमें डीटीएफ की डॉ.आभा देव हबीब को  प्रोफेसर भागी ने भारी मतों से हराकर 24 साल बाद एनडीटीएफ को जीत दिलवाया था ।