खीरी लोकसभा ||से अगर रामजी पांडे लडे 2024 का चुनाव तो बिगड़ सकता है बड़ी पार्टियों का खेल


खीरी: खीरी लोकसभा से रामजी पांडे  के चुनाव लडने की सुगबुगाहट ने इस सीट पर जमे जमाए नेताओ की नीद उड़ा दी है  इसके पीछे कई कारण हो सकते है, लेकिन यह तो जग जाहिर है की पिछले कुछ समय में ही उनके मुद्दों ने आम लोगों के बीच में अपनी जबर्दस्त पकड़ बना ली है।मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने बड़ी चालाकी से चुपचाप इन मुद्दों पर काम करके जिले में अपनी रेखा बड़ी कर दी है।
जिसमे से कुछ पर आज हम बात करने वाले है।

1. गरीबी के मुद्दे पर काम: रामजी पांडे  ने खीरी क्षेत्र में गरीबी और विकास के मुद्दों पर काफी काम किया। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में जल, बिजली, सड़कों की सुविधा और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की बात करके उन्होंने बेहद कम  समय में लोगों का दिल जीत लिया है।

2. समग्र विकास की दिशा: रामजी पांडे  ने खीरी क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के बारे में चर्चा शुरू कर दी है  इससे क्षेत्र के लोगों को अपनीनौकरियों के अधिक अवसर नजर आने लगे है जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आदि मुद्दे सामिल है।

3. सामाजिक समरसता: रामजी पांडे ने खीरी क्षेत्र में जतीपात से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता की बात की है  खास बात यह है की लोग उनकी बातो पर यकीन भी करने लगे है जिससे विभिन्न  समुदायों के बीच उनकी एक अलग पहचान बनने लगी है

4. प्रत्यक्ष संपर्क: रामजी पांडे  ने पिछले 3 सालों में खीरी क्षेत्र के लोगों के साथ नियमित  संपर्क किया, जिससे वे उनकी समस्याओं को समझ सके और समाधान निकाल सके। इसने उनके बीच में अच्छा रिश्ता ओर आत्म-विश्वास बढ़ाया है जिससे लोग उनकी बातो से प्रभावित होकर साथ खड़े होने लगे है।

5. सशक्त मतदाता: रामजी पांडे ने खीरी क्षेत्र के लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने लोगो को मतदान के बारे में जागरूक कर उसके महत्व को समझाया और लोगों को 2024 में मतदान के लिए उत्साहित किया।


6. सफल विचार-निर्णय: रामजी पांडे ने खीरी क्षेत्र के विकास के लिए सही निर्णय और योजनाओं पर जनता के साथ सीधे विचार विमर्श किए उन्होंने लोगों की मांगों के आधार पर काम करने की रूप रेखा तैयार की है जो आने वाले समय में काफी मददगार साबित होगी

7. संवाद और समर्थन: रामजी पांडे  ने स्थानीय जनमानस के बीच संवाद को मजबूती से बढ़ाया और उनका समर्थन जीतने के लिए सक्रिय रूप से काम किया यही  कारण है कि अगर वह चुनाव मैदान में उतरते हैं तो जनता उनका भरपूर समर्थन करेगी। वैसे आने वाले वक्त में ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय के गर्भ में है लेकिन पिछले तीन चार सालों से उनकी क्षेत्र में लगातार उपस्थित ने राजनीतिक पंडितों के माथे पर बल जरूर डाल दिया है ।