हिंदू धर्म में भगवान शिव का महत्व सबसे ज्यादा है और उन्हें सर्वोच्च देवता माना जाता है। भगवान शिव के प्रति विशेष भक्ति रखने वाले लोग उन्हें अपने जीवन के मार्गदर्शक और संरक्षक मानते हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति, शक्ति और सफलता की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव के विशेष महत्व को दर्शाती एक चौपाई है:
लिंग थापि विधिवत करि पूजा शिव समान प्रिय मोहि न दूजा।
काम, क्रोध, लोभ तजि मान भजहुं प्रभु भय बिनु भूजा।।
इस चौपाई में भक्त शिवलिंग को विधिवत रूप से पूजन करते हुए कहते हैं कि उनकी पूजा के समान दूसरा कोई भी देवता प्रिय नहीं हो सकता। भक्त कहते हैं कि वे भगवान शिव को बेहद प्यार करते हैं ।इस चौपाई में भक्तों को भगवान शिव के भक्ति करने की महत्वपूर्ण बातें सिखाई जाती हैं। भक्तों को यह समझाया जाता है कि वे अपने जीवन से काम, क्रोध और लोभ को त्याग दें और भगवान की भक्ति में लगे रहें, जिससे उन्हें भगवान के करीबी बनाने में सहायता मिलती है।
भगवान शिव के भक्ति और पूजा से मनुष्य को आत्मिक उन्नति, आध्यात्मिक ज्ञान, शक्ति और सफलता की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से भक्त अधर्म से दूर रहकर धर्मपरायण जीवन जीते हैं और उन्हें आनंद और शांति का अनुभव होता है।
समर्पित भक्त कटते नहीं पल में,
शंकर तुम्हारे चरणों में।
आपकी भक्ति और कृपा से,
हर कष्ट से मुक्त होते हम।।
इस चौपाई में भक्त कहते हैं कि भगवान शिव के चरणों में समर्पित होकर वे सभी कष्टों से मुक्त होते हैं और उन्हें भगवान की कृपा मिलती है। भक्त भगवान शिव की भक्ति में समर्पित होकर उनके समीप आते हैं और उनसे आनंद, शांति और सुख की प्राप्ति करते हैं।
इस चौपाई का महत्वपूर्ण संदेश है कि भगवान की भक्ति में लगे रहने से भक्त को आनंद, शांति और सफलता मिलती है। भगवान शिव के प्रति विश्वास और श्रद्धा रखकर भक्त अपने जीवन को समृद्ध, सुखी और उत्तम बना सकते हैं।
भगवान शिव की भक्ति करने से हम अपने जीवन को उदार, और प्रेमपूर्ण बनाते हैं और अपने चरित्र को समृद्ध और उत्तम बना सकते हैं। इसलिए, हमें भगवान शिव के प्रति अपने मन में श्रद्धा और प्रेम रखना चाहिए और उनकी पूजा और भक्ति में लगे रहना चाहिए।
भगवान शिव की कृपा आप सभी पर बनी रहे!