नई दिल्ली:ईसीजी का पूरा नाम इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी होता है जिसे सामान्यत ईसीजी के नाम से जाना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो हमारे दिल की कामकाजी क्षमता को मापने और रिकॉर्ड करने में हमारी मदद करती है। यह विशेष तरीके से बनाया गया है ताकि हम आसानी से दिल के विभिन्न हिस्सों की गतिविधियों को जांच सकें और देख सकें कि क्या हमारा दिल स्वस्थ है या कोई समस्या है।
ईसीजी का महत्व
ईसीजी का उपयोग दिल की बीमारियों की जांच में, उनके कारणों की खोज में और इलाज में किया जाता है। यह डॉक्टरों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, जिससे वे दिल की स्वास्थ्य स्थिति को समझ सकते हैं और सही उपचार कर सकते हैं।
ईसीजी का काम
ईसीजी के माध्यम से, हम एक विशिष्ट प्रक्रिया के दौरान, दिल से निकलने वाले छोटे से विद्युत संकेत को एक पतले पतले कागज़ पर दिखा सकते हैं। यह चित्रण हमें दिखाता है कि दिल की किस प्रकार की गतिविधियाँ हो रही हैं, जिससे डॉक्टर समस्याओं की पहचान कर सकते हैं।
ईसीजी की महत्वपूर्ण टर्म्स
पी-वेव (P-Wave): यह दिखाता है कि दिल की पहली क्रियाएँ कैसे हो रही हैं, इसे "आत्म संकेत" भी कहा जाता है।
क्यू-टी इंटरवल (QT Interval): यह बताता है कि विद्युत संकेत की पूरी प्रक्रिया कितने समय में हो रही है, आमतौर पर 0.36 से 0.44 सेकंड के बीच होता है।
आर्टियल रेट (Atrial Rate) और वेंट्रिकुलर रेट (Ventricular Rate): ये बताते हैं कि दिल की धड़कन की दर कितनी है।
इस तरीके से, ईसीजी हमारे दिल की स्वास्थ्य जांचने और समझने में मदद करने वाली महत्वपूर्ण तकनीक है। यह डॉक्टरों को सही जानकारी देने में मदद करता है ताकि वे सही उपचार प्रदान कर सकें।