नई दिल्ली, 12 अगस्त 2023: आज भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) ने राष्ट्रीय मीडिया अभियान की शुरुआत की, जिसमें प्रमुख उपक्रमों और योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी। इस अभियान की शुरुआत केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, श्री गिरिराज सिंह ने की है, जो उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, श्रीमती साध्वी निरंजन ज्योति के साथ मिलकर शुरू किया गया।
इस अभियान के माध्यम से, डीओएलआर की ओर से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के भूमि शासन और वाटरशेड विकास घटक (डब्ल्यूडीसी) में नई पहलों के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी। श्री सिंह ने इस मौके पर बताया कि इस अभियान के द्वारा लोगों में डब्ल्यूडीसी और पीएमकेएसवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी, ताकि वे इन योजनाओं का उचित रूप से लाभ उठा सकें।
इस महत्वपूर्ण अभियान के पहले चरण में, राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली, डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई और कैक्टस परियोजना को शामिल किया गया है। यह विभाग के प्रमुख उपायों का हिस्सा है, जिनमें भूमि अधिनियम के तहत कृषि भूमि के रिकॉर्ड कम्प्यूटरीकरण शामिल है। इसके साथ ही, भारत सरकार ने राज्यों में उप रजिस्ट्रार कार्यालयों (एसआरओ) का कम्प्यूटरीकरण करने के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान की है।
डीओएलआर ने इस अभियान के माध्यम से लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखा है और वाटरशेड विकास गतिविधियों के प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयास में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके साथ ही, डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई कार्यक्रम के तहत भूमि संसाधन विभाग ने वाटरशेड परियोजनाओं के अंतर्गत कवर किये गए क्रियाकलापों के बारे में जानकारी प्रदान की है। इनमें मेड़ क्षेत्र उपचार, जल निकासी लाइन उपचार, मृदा एवं नमी संरक्षण, वर्षा जल संचयन, नर्सरी को बढ़ावा, वनीकरण, बागवानी, चारागाह विकास, संपत्तिहीन लोगों के लिए आजीविका की व्यवस्था शामिल हैं। डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई कार्यक्रम के अंतर्गत वाटरशेड विकास घटक के संचालन से लगभग 29 मिलियन हेक्टेयर निम्नीकृत भूमि को कवर किया गया है, जिससे यह विश्व के सबसे बड़े अभियानों में से एक है।
इस अभियान के साथ, डीओएलआर ने लोगों में उनके अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय प्रयास किए हैं। इसके माध्यम से भूमि संसाधन विभाग ने लोगों को अपने कृषि भूमि के कॉम्प्यूटरीकरण में मदद मिलेगी, जिससे उन्हें समय और पूंजी की बचत होगी। इसके साथ ही, यह प्रक्रिया अब सरल और पारदर्शी हो गई है, जो आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है।
इस प्रमुख पहल के माध्यम से, डीओएलआर ने भूमि संसाधन विकास और पानी संचयन के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया है, जो कृषि और पर्यावरण के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। इस अभियान के माध्यम से, भूमि संसाधन विभाग का लक्ष्य लोगों को उनके प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग के बारे में जागरूक करना है, ताकि समृद्धि की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाया जा सके।